मोदी सरकार की हर नीति में स्वार्थ है, वहीं नीयत में नफरत और बंटवारा – मनमोहन सिंह


नई दिल्ली । पूर्व प्रधानमंत्री (Former PM) डॉक्टर मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) ने गुरुवार को केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) की नीतियों पर निशाना साधते हुए (Targeted the Policies) कहा कि उनकी हर नीति में (In Every Policy) स्वार्थ (Selfishness) है, वहीं नीयत में (In Intention) नफरत और बंटवारा (Hatred and Division) है ।

देश के 5 राज्यों में हो रहे चुनाव के बीच पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी की अबोहर रैली से ठीक पहले एक वीडियो संदेश जारी कर केंद्र की मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि 7.5 साल सरकार चलाने के बाद भी केंद्र अपनी गलती मानने और सुधार करने की बजाए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को जि़म्मेदार ठहरा रही है। उन्होंने कहा, भारत एक अहम मोड़ पर खड़ा है। मेरा बहुत मन था कि मैं पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, उत्तर प्रदेश और मणिपुर के भाई-बहनों के पास जाकर देश के हालातों पर चर्चा करूँ, पर वर्तमान हालात में डॉक्टरों की राय मानते हुए मैं आपसे इस वीडियो सन्देश के जरिये बात कर रहा हूं।

मनमोहन सिंह ने कहा, आज की स्थिति बहुत चिंताजनक है। कोरोना की मार के बीच केंद्र सरकार की अदूरदर्शी नीतियों की वजह से एक तरफ लोग गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हैं, दूसरी तरफ हमारे आज के हुक्मरान साढ़े सात साल सरकार चलाने के बाद भी अपनी गलतियों को मानकर उनमें सुधार करने के बजाय लोगों की परेशानियों के लिए हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराने में लगे हैं।

उन्होंने कहा, मेरा स्पष्ट मानना है कि प्रधानमंत्री पद की खास गरिमा होती है और इतिहास को कसूरवार ठहराने से अपने गुनाह कम नहीं हो सकते। प्रधानमंत्री के रूप में मैंने दस साल तक काम करते हुए खुद ज्यादा बोलने की बजाय मेरे काम के बोलने को प्राथमिकता दी। हमने कभी अपने राजनीतिक फायदे के लिए देश को नहीं बांटा, कभी सच पर पर्दा डालने की कोशिश नहीं की, कभी देश और पद की गरिमा कम नहीं होने दी। हमने हर मुश्किल के बावजूद भारत और भारतीयों का मान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऊँचा बढ़ाया।पूर्व पीएम ने कहा, मुझे संतुष्टि है कि मुझ पर ‘मौनमोहन’, कमजोर और भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाने भाजपा और उसकी बी-सी टीमों के दुष्प्रचार की कलई आज देश के सामने खुल चुकी है और देश 2004 से 2014 के दौरान किये गए आज हमारे अच्छे कामों को याद कर रहा है।

कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा के नाम पर पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार चरणजीत सिंह चन्नी और यहाँ के लोगों को भाजपा द्वारा बदनाम करने का प्रयास किया गया, जिसे किसी भी लिहाज से एक सही परिपाटी नहीं माना जा सकता है। इसी प्रकार हमने यह भी देखा कि किसान आंदोलन के दौरान भी पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने की कोशिश की गई थी। जिन पंजाबियों के साहस-शौर्य, देशभक्ति और त्याग को पूरी दुनिया सलाम करती है, उन पंजाबियों के बारे में क्या कुछ नहीं कहा गया। पंजाब की बहादुर मिट्टी से उपजे एक सच्चे भारतीय के रूप में मुझे उस पूरे घटनाक्रम से पीड़ा हुई है।

मौजूदा केंद्र सरकार को अर्थव्यवस्था की जरा भी समझ नहीं है। इनकी गलत आर्थिक नीतियों की वजह से देश आर्थिक संकट की गिरफ्त में फंस चुका है, पूरे देश में बेरोजगारी आज अपने चरम पर पहुँच गई है। किसान, कारोबारी, छात्र, महिलाएं सब परेशान हैं, देश के अन्नदाता दाने-दाने के लिए मोहताज हो रहे हैं, देश में सामाजिक असमानता बढ़ रही है, लोगों पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है, वहीं कमाई घट रही है, जिससे अमीर और अमीर हो रहे हैं, गरीब और गरीब, पर यह सरकार आंकड़ों की बाजीगरी करके सब कुछ ठीक होना बता रही है।

उन्होंने अरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार की नीति और नियत दोनों में खोट है। हर नीति में स्वार्थ है, वहीं नीयत में नफरत और   बंटवारा। अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए लोगों को जाति-धर्म और क्षेत्र के नाम पर बांटा जा रहा है, उन्हें आपस में लड़ाया जा रहा है। इस सरकार का नकली राष्ट्रवाद जितना खोखला है, उतना ही खतरनाक। इनका राष्ट्रवाद ‘बांटो और राज करो’ की अंग्रेजी नीति पर टिका हुआ  है।

जो संविधान हमारे लोकतंत्र का आधार है, उस संविधान में इस सरकार की जरा भी आस्था नहीं है। संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मसला केवल देश के अंदर की समस्या का नहीं है, विदेश नीति के मोर्चे पर भी ये सरकार पूरी तरह असफल साबित हुई है। चीन के सैनिक हमारी पवित्र धरती पर पिछले एक साल से बैठे हैं, पर उस पूरे मामले को दबाने की कोशिश हो रही है। पुराने दोस्त हमसे लगातार छिटक रहे हैं, वहीं पड़ोसी देशों के साथ भी हमारे रिश्ते खराब हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि अब सत्ता के हुक्मरानों को समझ में आ गया होगा कि देशों के रिश्ते नेताओं से जबरदस्ती गले मिलने, उन्हें झूला-झुलाने या बिन बुलाए बिरयानी खाने के लिए पहुंच जाने से नहीं सुधरते हैं। सरकार को ये भी समझ लेना चाहिए कि खुद की सूरत बदलने से सीरत नहीं बदलती है। जो सच है, वो किसी न किसी रूप में सामने आ ही जाता है। बड़ी बड़ी बातें करना बहुत आसान है, लेकिन उन बातों को अमल में लाना बहुत मुश्किल होता है।

इस समय पंजाब सहित देश के पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। पंजाब के सामने बड़ी- बड़ी चुनौतियां हैं, जिनका ठीक तरीके से मुकाबला करना बहुत जरूरी है। पंजाब के विकास की समस्या, खेती में खुशहाली का मुद्दा और बेरोजगारी की समस्या को सुलझाना बहुत जरूरी है और यह काम सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही कर सकती है। मेरी पंजाब की जनता से विनती है की अपना कीमती वोट बढ़ चढ़कर कांग्रेस पार्टी को ही दें ।

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