125 अरब डॉलर के कर्ज में डूबे पाकिस्तान के लिए इस देश ने दिखाई दरियादिली, ऐसे कर रहा मदद

नई दिल्ली: आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. इसी महीने ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moodys) ने पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग घटाई थी और आगाह किया था कि उसे और कर्ज मिलने में दिक्कत हो सकती है. इस बीच एक बार फिर चीन पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया है. चीन ने 2 अरब डॉलर का कर्ज वापस करने की समयसीमा एक साल के लिए आगे बढ़ा दी है. मार्च में इसकी डेडलाइन खत्म हो रही थी.

पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो न्यूज ने पाक वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच इसे लेकर बातचीत हुई है. नकदी की तंगहाली से गुजर रहे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है. इसके चलते उसने पिछले साल जून महीने में इंटरनेशनल मोनेट्री फंड से 3 अरब डॉलर का कर्ज लिया था, जिसकी समय सीमा भी मार्च में ही खत्म हो रही है. मूडीज ने पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग घटाते हुए कहा था कि पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक संकट के चलते देश के ऐसे हालात हुए हैं, जो नई सरकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगी.

मूडीज ने पाकिस्तान के लिए बजाई खतरे की घंटी
मूडीज ने पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग CAA1 से घटाकर CAA3 कर दी थी, जो डिफॉल्ट से सिर्फ दो दर्जे ऊपर है. पाकिस्तान को IMF से नौ महीने के लिए 3 अरब डॉलर का कर्ज मिला था, लेकिन साल की शुरुआत में ही उसे फिर से कर्ज की जरूरत पड़ गई है. उधर, पाकिस्तान पर 125 अरब डॉलर का कर्ज भी है, जिसे उतारने के लिए पाकिस्तान दूसरे देशों के सामने हाथ फैलाने को मजबूर है. इन हालातों को देखते हुए मूडीज ने कहा कि उसको आईएमएफ से कर्ज लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

नवाज शरीफ ने दिया अर्थव्यवस्था सुधारने का भरोसा
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली आगामी सरकार की प्राथमिकता खराब अर्थव्यवस्था को ठीक करने की होगी क्योंकि नकदी संकट से जूझ रहे देश की सभी समस्याएं आर्थिक संकट से जुड़ी हैं. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के प्रमुख शरीफ आठ फरवरी के चुनाव के बाद पहली बार संसद भवन पहुंचे. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार अर्थव्यवस्था को ठीक करने की कोशिश करेगी, जिससे सब कुछ ठीक हो जाएगा.’

नवाज शरीफ ने हैरान कर देने वाले फैसले में अपने छोटे भाई शहबाज शरीफ को गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि नेशनल असेंबली, सीनेट और प्रधानमंत्री सभी अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करें.

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