ये पॉलीटिक्स है प्यारे… लो हो गया सांई का दिल्ली का टिकट


ट्रेन फुल हो और फिर तत्काल कोटा खुलते से ही बंद हो जाए तो आप निराश हो जाएंगे कि अब कुछ नहीं हो सकता। एकबारगी तो लगा कि दिल्ली दूर है और सांई स्टेशन पर ही हाथ में सूटकेस लिए खड़े रह जाएंगे। ट्रेन सामने खड़ी थी और अचानक एक मैसेज आया कि आपका टिकट कंफर्म हो गया है और सीट नंबर है (लोकसभा क्षेत्र 26)। पहले तो सांई को भरोसा ही नहीं हुआ कि जिस ट्रेन में आरएसी ही इतनी लंबी थी कि वेटिंग लिस्ट वालों का नंबर आना मुश्किल था, फिर भी टिकट कंफर्म होना किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं। भाजपा के मंच पर कल सांई की मुस्कान बता रही थी कि उन्होंने कितनों को पीछे छोड़ा है, तब जाकर उनका दिल्ली का टिकट कंफर्म हुआ है। फ्लैशबैक में चलें तो अव्वल सांई ने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि इस बार उन्हें टिकट मिलेगा और फिर जिस तरह से सामान्य सीट पर हर किसी के नाम का रूमाल डालकर जगह रोकने की कोशिश की गई, उससे सांई बेचैन हो रहे थे। सांई भी सोच रहे थे मैंने ऐसा गलत क्या किया, जो इतने लोग पीछे पड़ गए? यह तो तय था कि किसी अनजान को लोकसभा जाने वाली ट्रेन में कंफर्म टिकट नहीं दिया जाएगा, फिर भी जिस तरह से सांई के नाम के आगे नामों में रेस चल रही थी, उससे तो लग रहा था कि इस बार महिला कोटे में दिल्ली लोकसभा का टिकट जाएगा, लेकिन सांई ने न जाने क्या जादू चलाया कि उनके हाथ टिकट आ गया और वे टिकट आते से ही किसी अजेय योद्धा की तरह कल नजर आए। खैर ट्रेन तैयार है और सांई का दावा है कि ट्रेन इस बार पूरी खचाखच भरके जाएगी। दावा तो पिछली बार से ज्यादा का किया जा रहा है, लेकिन ये भीड़ मोदीजी के नाम पर होगी न कि केवल सांई के अकेले के नाम पर। सांई को खुशी है कि उनका टिकट कंफर्म हो गया है, लेकिन जिनका टिकट कंफर्म नहीं हुआ, उन्हें भी अपने साथ एडजस्ट करना होगा, क्योंकि राजनीति की ट्रेन में सबको खुश रखना पड़ेगा, भले ही चुनाव तक। वैसे कारण कुछ भी हो, सांई का लक भारी है और ये लक काम कर गया तो पूरे देश में वे सर्वाधिक वोटों से जीतने वाले सांसद होंगे।
-संजीव मालवीय

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