1 लाख पेड़ों को काटकर बसाया गया था UP का यह बाजार, आज ग्राहकों से है गुजार

शाहजहांपुर: शाहजहांपुर का सबसे पुराना मोहल्ला बहादुरगंज जो आज प्रमुख बाजारों में शुमार है. बहादुरगंज मोहल्ले का नाम शाहजहांपुर शहर के संस्थापक नवाब बहादुर खान के नाम पर ही रखा गया है. शाहजहांपुर का यह मुख्य बाजार, यहां सर्राफा और कपड़ों के अलावा अन्य कई दुकानें हैं. यहां दूसरे जिलों से भी लोग खरीदारी करने के लिए आते हैं.

इतिहासकार डॉक्टर ने बताया कि सन 1647में नवाब बहादुर खान ने शाहजहांपुर शहर को बसाया था और 1652 में शाहजहांपुर का बहादुरगंज मोहल्ला आस्तित्व में आया. इस मोहल्ले का नाम शहर संस्थापक नवाब बहादुर खान के ही नाम पर रखा गया. इसी मोहल्ले में नवाब बहादुर खान का मकबरा भी बना हुआ है.

इतिहासकार ने बताया कि ब्रिटिश गजेटियर में इस बात का जिक्र किया गया है कि यहां पर बहादुरगंज मोहल्ला है. यहां पहले खिरनी कें पेड़ो का बाग हुआ करता था. यहां मोहल्ले को बसाने के लिए एक लाख खिरनी के पेड़ों को काटा गया. इस पूरे इलाके में खिरनी के सघन पेड़ हुआ करते थे.

नगर पालिका ने बनाई थी दुकानें
डॉ बताते हैं कि वर्ष 1868 में नगर पालिका ने यहां पर नए तरीके से दुकानों को बनाया और इन दुकानों को व्यापारियों को किराए पर दे दिया.दुकानों के किराए से नगर पालिका को बड़ी आमदनी होने लगी जो कि नगर पालिका की कुल आमदनी का8% हिस्सा था.

आज शहर का मुख्य बाजार है बहादुरगंज
आपको बता दें कि शाहजहांपुर का बहादुरगंज बाजार जोकि शहर का मुख्य बाजार है. इस बाजार में सर्राफा, इलेक्ट्रॉनिक, कपड़ा और बर्तनों की यहां पर दुकान हैं. इस बाजार में आसपास के जिलों से भी लोग खरीदारी करने के लिए यहां आते हैं.

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