टिकट कटा नहीं, खुद ही राजनीति से बनाई; हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने बताया आगे का प्लान

नई दिल्‍ली (New Dehli)। लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Elections) के लिए भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा(Lok Sabha Elections) के पहले हजारीबाग सांसद सह पूर्व मंत्री जयंत सिन्हा (Hazaribagh MP cum former minister Jayant Sinha)ने चुनावी राजनीति (electoral politics)से दूर होने का फैसला (Decision)लिया। शनिवार को अपने एक्स पोस्ट के जरिए उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की। जयंत, मोदी सरकार में 2014-19 के बीच मंत्री थे। 2019 में भी उन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन मोदी कैबिनेट में जगह नहीं बना पाए थे।

क्या लिखा एक्स पोस्ट में

जयंत सिन्हा ने एक्स पोस्ट में लिखा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुझे मेरे प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है, ताकि मैं भारत और दुनियाभर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने पर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। आगे उन्होंने पोस्ट में लिखा कि बेशक मैं आर्थिक और शासन संबंधी मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा।

इसके अलावा मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा नेतृत्व द्वारा प्रदान किए गए कई अवसरों का आशीर्वाद मिला है। उन सभी के प्रति मेरी हार्दिक कृतज्ञता।

मोदी सरकार में वित्त राज्यमंत्री रहे

हजारीबाग सीट पर जयंत सिन्हा के पिता यशवंत सिन्हा भी सांसद रहे थे। जयंत सिन्हा ने 2014 में राजनीति में कदम रखा तो पिता की विरासत में हजारीबाग सीट मिली। वह पहली बार सांसद बने तो मोदी सरकार में वित्त राज्यमंत्री भी बने। हालांकि पिता यशवंत सिन्हा बाद में केंद्र की भाजपा सरकार के मुखर विरोधी के तौर पर उभरे तो खामियाजा जयंत सिन्हा को भी भुगतना पड़ा। 2019 में दूसरी बार मोदी सरकार केंद्र में आ गई, तब जयंत का कद घट गया, उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।

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