आज मप्र में 5.21 लाख गरीब परिवारों को उनके सपनों का पक्का घर मिल रहा है : पीएम मोदी


नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि आज (Today) मध्य प्रदेश (MP) के लगभग 5.21 लाख (5.21 Lakh) गरीब परिवारों (Poor Families) को उनके सपनों का पक्का घर (Pucca House of Their Dreams) मिल रहा है (Getting) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के 5.21 लाख लाभार्थियों के गृहप्रवेशम की पट्टिका का अनावरण किया।

पीएम मोदी ने कहा, इस वर्ष के बजट में पूरे देश में 80 लाख से अधिक घर बनने के लिए पैसे आवंटन करने प्रावधान किया गया है। अब तक सवा 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा इस योजना पर खर्च किए जा चुके हैं।उन्होंने कहा कि हमारे देश में कुछ दलों ने गरीबी दूर करने के लिए नारे बहुत लगाए, लेकिन गरीबों को सशक्त करने के लिए काम नहीं किया। एक बार जब गरीब सशक्त होता है तो उसमें गरीबी से लड़ने का हौसला आता है। एक ईमानदार सरकार के प्रयास, एक सशक्त गरीब के प्रयास जब साथ मिलते हैं तो गरीबी परास्त होती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांवों में बने ये लगभग सवा पांच लाख घर, सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। ये सवा पांच लाख घर, देश में सशक्त होते गरीब की पहचान हैं। ये सवा 5 लाख घर बीजेपी सरकार की सेवा भाव की मिसाल है, ये गांव के गरीब महिलाओं को लखपति बनने के अभियान के प्रतिबिंब है। पीएम आवास योजना के तहत जो घर बने हैं, उनमें से करीब-करीब दो करोड़ घरों पर मालिकाना हक महिलाओं का भी है। इस मालिकाना हक ने, घर के दूसरे आर्थिक फैसलों में भी महिलाओं की भागीदारी को मजबूत किया है।

महिलाओं की परेशानी को दूर करने के लिए हमने हर घर जल पहुंचाने का बीड़ा भी उठाया है। बीते ढाई साल में इस योजना के तहत देशभर में 6 करोड़ से अधिक परिवारों को शुद्ध पेयजल कनेक्शन मिल चुका है।

100 साल में आई सबसे बड़ी कोरोना महामारी में हमारी सरकार गरीबों को मुफ्त राशन के लिए 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। अगले 6 महीने में इस पर 80 हजार करोड़ रुपए और खर्च किए जाएंगे।

जब इन लोगों की सरकार थी, तो इन्होंने गरीबों के राशन को लूटने के लिए अपने 4 करोड़ फर्जी लोग कागजों में तैनात कर दिए थे। इन 4 करोड़ फर्जी लोगों के नाम से राशन उठाया जाता था, बाजार में बेचा जाता था, और उसके पैसे इन लोगों के काले खातों में पहुंचते थे।

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