भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

पहले साल ही हवा-हवाई साबित हो रही तबादला नीति

  • स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उदासीनता

भोपाल। प्रदेश की स्कूल शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने शिक्षा विभाग की नई तबादला नीति जारी की थी। लेकिन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण तबादला नीति पहले ही साल हवा-हवाई साबित हो रही है। यानी अब तक शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है, जबकि नई नीति में 30 अप्रैल तक तबादला आदेश जारी होने की बात कही गई है। विभागीय अधिकारी अब कह रहे हैं कि शिक्षकों को उच्च पदों का प्रभार देने की प्रक्रिया के चलते नई नीति के अनुसार शिक्षकों के तबादले समय पर नहीं जा सके हैं। नई नीति में तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने और आदेश भी ऑनलाइन जारी किए जाने का प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में कैबिनेट की मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग की नई तबादला नीति जारी हुई थी। नई नीति में ऐसे प्रावधान किए गए हैं कि इसके लागू होने से स्कूल शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी पर अधिकारियों की उदासीनता से तबादला नीति पहले साल ही हवा-हवाई साबित हो रही है। नई नीति के अनुसार रिक्त पदों की जानकारी एमपी एजुकेशन पोर्टल पर 1 मार्च तक अपलोड किए जाने और 31 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन करने का प्रावधान है। 30 अप्रैल तक तबादला आदेश जारी किए जाने और शिक्षकों को 15 मई तक कार्यभार ग्रहण करने का प्रावधान है।


ग्रामीण क्षेत्र में कम से कम तीन साल नौकरी जरूरी
स्कूल शिक्षा विभाग की नई तबादला नीति के अनुसार नए शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र में कम से कम तीन साल नौकरी करना अनिवार्य होगा। उन्हें वचन पत्र भी देना होगा। शिक्षकों को अपने पूरे सेवाकाल में 10 साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देना होंगी। शहरी क्षेत्रों में 10 साल तक पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा। नई नीति लागू होने के बाद शिक्षकों के तबादले में प्रभारी मंत्रियों का हस्तक्षेप नहीं होगा। इसमें पहले प्रशासनिक स्थानांतरण और फिर स्वैच्छिक स्थानांतरण को प्राथमिकता दी जाएगी। स्वैच्छिक स्थानांतरण होने पर तीन साल से पहले उस स्थान से नहीं हटाया जाएगा। उत्कृष्ट स्कूल, मॉडल स्कूल और सीएम राइज स्कूल में स्वैच्छिक स्थानांतरण नहीं होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी का कहना है कि शिक्षकों को पदोन्नति के प्रभार देने की कार्रवाई चल रही है, इस कारण नई नीति के अनुसार निर्धारित समय सीमा में शिक्षकों के ट्रांसफर में देरी हुई है। जैसे ही पदोन्नति का प्रभार देने की कार्रवाई पूरी होगी, ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यदि पहले ट्रांसफर कर दिए जाते, तो पदोन्नति का प्रभार देने के बाद फिर से ट्रांसफर करने पड़ते।

मिलेगा प्रोत्साहन भत्ता
नई नीति में दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासकीय आधार पर पदस्थ शिक्षकों को अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता देने और शिक्षक व प्रिंसिपल को मंत्रियों, विधायकों या अन्य जनप्रतिनिधियों की निजी स्थापना में पदस्थ नहीं किए जाने का प्रावधान किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग नई तबादला नीति के अनुसार नए स्कूल अथवा संकाय के शुरू होने पर सेट अप में संशोधन 31 दिसंबर तक किया जाएगा। एजुकेशन पोर्टल पर कर्मचारियों की जानकारी 15 जनवरी तक अपडेट की जाएगी। रिक्त पदों का निर्धारण 31 जनवरी तक किया जाएगा। रिक्त पदों की जानकारी एमपी एजुकेशन पोर्टल पर 1 मार्च तक अपलोड की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की अंतिम तारीख 31 मार्च होगी। 30 अप्रैल तक तबादला आदेश जारी किए जाएंगे। शिक्षकों को 15 मई तक कार्यभार ग्रहण करना होगा। वहीं तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले गंभीर बीमार या विकलांग और एक साल से कम की सेवा एवं 40 प्रतिशत या उससे अधिक नि:शक्तता होने पर तबादला नहीं किया जाएगा। दूसरे विभागों में शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर विशेष परिस्थिति में ही भेजा जाएगा। स्थानांतरण में वरीयता क्रम निर्धारित किया जाएगा। प्राचार्य, सहायक संचालक और वरिष्ठ पदों के स्वैच्छिक स्थानांतरण ऑनलाइन लिए जाएंगे। उनका निराकरण ऑफलाइन भी किया जा सकेगा। रिलीव करने और जॉइन करने की कार्रवाई ऑनलाइन होंगी। प्रथम श्रेणी अधिकारियों के ट्रांसफर करने के लिए मुख्यमंत्री का अनुमोदन जरूरी होगा।

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