ढाई हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को तीन महीने से नहीं मिल रहा मानदेय

  • सूखे रेगिस्तान में बारिश की बूंदों सा उपहार… कार्यकर्ताओं की आंखें भिगीं
  • पांच हजार रुपए मिले, कैसे घर में चूल्हा जलेगा… कई के बैंक की किस्त बाकी

इन्दौर। महीनों से पड़े सूखे में बारिश की बूंदे जो सुखद अहसास कराती है, वही एहसास कल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (anganwadi workers) को कलेक्टर (collector) द्वारा दिए गए पुरस्कार से हुए। ढाई हजार (Two and a half thousand) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं (assistants) को तीन महीने से मानदेय नहीं मिलने के कारण घर चलाना मुश्किल पड़ रहा था। अब किसी के घर राशन (ration) भरेगा तो बैंक (bank) की किस्त जाएगी।

कलेक्टर आशीष सिंह ने शहरी क्षेत्र में 75 प्रतिशत तो ग्रामीण क्षेत्र मेें 80 प्रतिशत मतदान करवाने वाले बीएलओ के रूप में तैनात कर्मचारियों को जहां प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया, वहीं पांच हजार का नकद इनाम दिया। तीन महीने से सरकार द्वारा दिए जाने वाले मानदेय का भुगतान नहीं किए जाने के कारण इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के घर में अकाल जैसी नौबत आने लगी थी। किसी के घर महीनों से राशन नहीं भरा था तो किसी के घर की किस्त दो महीने से लगातार बाउंस हो रही थी। पांच हजार रुपए की राशि मिलते ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं चहक उठीं। किसी ने कहा रेगिस्तान मे बारिश की बूंदे पड़ी हैं तो कोई डबडबाई आंखों से कलेक्टर को धन्यवाद देते नहीं थक रही थी। जैसे ही पांच हजार रुपए की राशि की घोषणा की तो अपनों और परिवारजनों को फोन लगाकर जानकारी देते नजर आईं।

परियोजना अधिकारियों सहित कर्मचारी भी वेतन को तरसे
केंद्र सरकार द्वारा लगभग पांच हजार और राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले मेहनताने के रूप में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पांच हजार रुपए दिए जाते हैं। इस मान से प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को दस हजार रुपए प्रतिमाह वेतन नसीब होता है, लेकिन पिछले ढाई महीने से कर्मचारियों को यह भी नसीब नहीं हो रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 20 से अधिक विभागों का काम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से कराया जाता है और उस पर भी सबसे अधिक जरूरत वाले उस तबके को मानदेय का भुगतान समय पर नहीं हो रहा है। विभाग के परियोजना अधिकारियों को भी दो महीने से वेतन नहीं दिया गया है। हालांकि विभाग के अधिकारी अब जल्द ही वेतन दिए जाने की बात कह रहे हैं, लेकिन यह बात विचारणीय है कि सबसे ज्यादा काम करने के बावजूद भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता समान वेतन नहीं पा रही हैं।

आश्वासन… आठ दिन में आ जाएगा वेतन खाते में
महिला एवं बालविकास विभाग प्रभारी अधिकारी रामनिवास बुधोलिया के अनुसार चुनाव के चलते प्रक्रियाएं थमी हुई थीं। भोपाल स्थित विभाग से कार्रवाई शुरू हो गई है। विभागीय सूचना के अनुसार अगले आठ दिन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के खाते में मानदेय का भुगतान करना शुरू हो जाएगा। पिछले ढाई महीनों से प्रक्रिया कुछ कारणों से अटकी हुई थी।

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