सरकारी नौकरी के लिए भी ‘दो बच्चों’ की नीति अनिवार्य, सुप्रीम कोर्ट से मिली मंजूरी

नई दिल्‍ली (New Dehli)। राजस्थान में पंचायत चुनाव (Panchayat elections in Rajasthan)लड़ने वाले उम्मीदवारों के साथ-साथ अब सरकारी नौकरी (Government Job)के लिए भी ‘दो बच्चों’ की नीति अनिवार्य (policy imperative)कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)से भी इसकी मंजूरी (approval)मिल चुकी है। दो अधिक बच्चों वाले कैंडिडेट जो सरकारी नौकरी की तलाश में हैं, उनके लिए यह झटका है। आपको बता दें कि करीब 21 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए इस नीति को अनिवार्य कर दिया था।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने पूर्व सैनिक राम लाल जाट द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। वह 2017 में सेवा से रिटायर हो गए थे और उन्होंने 25 मई 2018 को राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल पद के लिए आवेदन किया था।

उनकी उम्मीदवारी को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के नियम 24(4) के तहत खारिज कर दिया गया था। राजस्थान विभिन्न सेवा (संशोधन) नियम, 2001 के तहत यह प्रावधान है कि 1 जून 2002 को या उसके बाद अगर किसी उम्मीदवार के दो से अधिक बच्चे हैं तो वह सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं होंगे। आपको बता दें कि राम लाल जाट के दो से अधिक बच्चे हैं। उन्होंने इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट में सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। अक्टूबर 2022 में फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।

न्यायमूर्ति कांत की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, “कुछ इसी तरह का प्रावधान पंचायत चुनाव लड़ने के लिए पात्रता शर्त के रूप में पेश किया गया था। उसे सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में जावेद और अन्य बनाम हरियाणा राज्य मामले में बरकरार रखा है। इसके तहत दो से अधिक जीवित बच्चे होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करता है। इस प्रावधान का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना था।

पीठ ने जाट की अपील यह कहते हुए खारिज कर दी कि हाईकोर्ट के फैसले में किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।

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