अमेरिका में दो भारतवंशियों पर कोरोना दवा के गैरकानूनी व्यापार कर लाभ कमाने का आरोप

न्यूयॉर्क (New York) । अमेरिका (America) में कोरोना की दवा (corona medicine) का गैरकानूनी व्यापार (illegal trade) करके अवैध लाभ कमाने के लिए भारतीय मूल के दो लोगों पर कई आरोप लगे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने कोविड-19 के नैदानिक परीक्षणों के परिणामों के बारे में जानकारी प्राप्त की और उससे व्यापार कर पैसे कमाए।

फाइजर के पूर्व कर्मचारी अमित डागर और उनके करीबी दोस्त और बिजनेस पार्टनर अतुल भिवापुरकर पर गुरुवार को अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने अंदरूनी व्यापार के माध्यम से अवैध लाभ कमाने की उनकी योजना के लिए आरोप लगाया।

न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने भी दोनों के खिलाफ आपराधिक आरोपों की घोषणा की। अमित डागर को न्यू जर्सी से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था और उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के चार मामलों का आरोप लगाया गया था जिनकी अधिकतम सजा 20 साल हो सकती है वहीं कैलिफोर्निया के मिलपिटास से भिवापुरकर को भी गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था और उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के दो मामलों और प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश रचने के एक मामले का आरोप लगाया गया।

अधिकारियों का आरोप है कि नवंबर 2021 में, डागर और भिवापुरकर ने कोविड-19 के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा पैक्सलोविड के नैदानिक परीक्षणों के परिणामों के बारे में अंदरूनी जानकारी के आधार पर अवैध व्यापार कर कमाई की। उस समय डागर को फाइजर ने एक बड़े पद पर नियुक्त किया था।

एसईसी की शिकायत के अनुसार, दोनों ने फाइजर की पांच नवंबर, 2021 की घोषणा से पहले व्यापार किया था, उस समय फाइजर का अध्ययन सफल हुआ। उन्होंने अपनी विज्ञप्ति में यह भी आरोप लगाया गया है किडागर और भिवापुरकर के व्यापार ने लगभग 214,395 अमेरिकी डॉलर और 60,300 अमेरिकी डॉलर का अवैध मुनाफा कमाया।

मार्केट एब्यूज यूनिट के प्रमुख जोसेफ सैनसोन ने कहा कि जैसा कि हमारी शिकायत में आरोप लगाया गया है, अमित डागर ने खुद को और अपने दोस्त अतुल भिवापुरकर को समृद्ध बनाने के लिए गोपनीय नैदानिक परीक्षण परिणामों तक अपनी पहुंच और पद का दुरुपयोग किया।

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