ढाका । अमेरिकी नागरिक समेत दो की हत्या (killing) में मौत की सजा (Death Penalty) पाए दो इस्लामी आतंकी (islamic terrorists) रविवार को दिनदहाड़े अदालत (court) से फिल्मी स्टाइल में फरार हो गए। इस दौरान अदालत में भारी भीड़ मौजूद थी। आतंकियों के साथियों ने पुलिसकर्मियों (policemen) पर केमिकल स्प्रे (chemical spray) किया। भीड़ पर स्मोक बम फेंका और दोनों आतंकियों को बाइक पर बैठाकर फरार हो गए। इस घटना के बाद राष्ट्रव्यापी अलर्ट जारी किया गया है। उन्हें पकड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। तमाम संभावित स्थानों में नाकेबंदी कर दी गई है।
यह पूरा घटनाक्रम बांग्लादेश के ढाका में रविवार को हुआ। जब लोगों की भीड़ से पटे अदालत में दो खूंखार इस्लामी आतंकियों मोइनुल हसन शमीम उर्फ इमरान और अबू सिद्दीक सोहेल को कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। इन दोनों अपराधियों को बांग्लादेश में जन्मे 42 वर्षीय अमेरिकी ब्लॉगर रॉय और उनके प्रकाशक अरेफिन दीपन की हत्या के जुर्म में पिछले साल मौत की सजा सुनाई गई थी।
अदालत में क्या हुआ
बांग्लादेश स्थानीय मीडिया के मुताबिक, दोनों आतंकियों को एक अलग मामले में कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। दोनों के सिर्फ हाथों में हथकड़ी थी, पैरों में कोई बेड़ी नहीं थी। इस बीच अचानक से दोनों आतंकियों के साथी बाइक पर मौके पर पहुंचे और मौजूद पुलिसकर्मियों पर केमिकल स्प्रे किया। भीड़ पर स्मोक बम फेंका और दोनों को बाइक पर बैठाकर रफू चक्कर हो गए।
आतंकियों की गिरफ्तारी के लिए राष्ट्रव्यापी अलर्ट
टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित सीसीटीवी फुटेज में हेलमेट पहने दो बाइक सवार दो आतंकवादियों को ढाका मेट्रोपॉलिटन जज कोर्ट परिसर के सामने एक संकरी सड़क से ले जाते हुए दिखाई दिए, जबकि एक नागरिक उनका पीछा कर रहा था। घटना के कुछ घंटों बाद, बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें फिर से पकड़ने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अलर्ट जारी किया गया है और यह पता लगाने के लिए एक जांच शुरू की गई है कि यह घटना कैसे हुई।
गौरतलब है कि धार्मिक कट्टरवाद के मुखर आलोचक अमेरिकी नागरिक रॉय को 26 फरवरी 2015 को ढाका विश्वविद्यालय में एक पुस्तक मेला अटेंड करने के तुरंत बाद एबीटी उग्रवादियों ने चाकू से गोदकर मार डाला था। इस वारदात में उनकी पत्नी रफीदा अहमद भी घायल हो गई थीं। इस आतंकी समूह ने उसी वर्ष नवंबर में ढाका के शाहबाग इलाके में पुस्तक के प्रकाशक दीपन की भी उनके कार्यालय में हत्या कर दी थी।
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