UN Report: अफगानिस्तान में हो रहा बच्चों का गंभीर उत्पीड़न, बुनियादी सेवाएं तक पहुंच से दूर

काबुल (Kabul)। अफगानिस्तान (Afghanistan) में बच्चों और सशस्त्र संघर्ष (Children and armed conflict.) पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव (United Nations Secretary General) के विशेष प्रतिनिधि ने एक नई रिपोर्ट जारी की। इसमें उन्होंने कहा कि देश में बच्चे अत्यधिक असुरक्षित (Children are extremely unsafe) हैं। 22 दिसंबर, 2023 को जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों की बुनियादी सेवाओं तक पहुंच बाधित हुई है। इसका अहम कारण लंबे संघर्ष, विस्थापन, अत्यधिक गरीबी, खाद्य असुरक्षा रही है। साथ ही आजीविका के अवसरों की कमी और सार्वजनिक सेवाओं में निवेश की कमी सहित प्राकृतिक आपदाएं भी खास वजह रही हैं। यौन हिंसा, स्कूल छोड़ने और असुरक्षित प्रवासन, जिसमें पाकिस्तान से जबरन वापसी भी शामिल है, जैसे गंभीर उत्पीड़न के प्रति उनकी संवेदनशीलता बढ़ रही है।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियों की माध्यमिक और तृतीयक शिक्षा के अनिश्चितकालीन निलंबन ने उनके शिक्षा के अधिकारों को प्रभावित किया। उनके बढ़ते जोखिमों और हानिकारक मुकाबला तंत्रों के सामने उजागर किया।

तालिबान से किया मदद का आग्रह
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 16 वर्षीय महबूबुल्लाह के प्रोफाइल तैयार हुए, जो छह लोगों के अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए काबुल में एक दुकान पर काम कर रहा है। महबूबुल्लाह ने गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना करने की शिकायत की और तालिबान से उसकी मदद करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘हमें एक मुकाम तक पहुंचने और भविष्य में कुछ बनने के लिए पढ़ाई करनी चाहिए। ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो जूता पॉलिश करने वाले या अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुल मिलाकर, 1 जनवरी, 2021 से 31 दिसंबर, 2022 के बीच कुछ महीनों से लेकर 17 साल की उम्र के 3,545 बच्चों के खिलाफ 4,519 गंभीर उत्पीड़न का सत्यापन किया गया, जिनमें से अधिकांश के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया गया’।

तालिबान कर रहा बच्चों के समर्थन का दावा
इधर, तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि वे बच्चों का समर्थन कर रहे हैं और तालिबान के लड़ाकों में कोई किशोर नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास पहले से यह नियम है कि जो किशोर हैं उन्हें काम करने की अनुमति नहीं है। अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात के सत्ता में आने के बाद, सभी सुरक्षा विभागों में पेशेवर नियुक्तियां हैं, और उनमें कोई किशोर नहीं है’।

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