कम उम्र के सहकर्मी ने निकाह नहीं किया तो रेप में फंसाया

बिगड़ती महिलाएं, पुरुष हुए पीडि़त

महिला डॉक्टर ने जो बातें रिपोर्ट में नहीं लिखाईं, वो भी कोर्ट में बताई

इंदौर। एक डॉक्टर (Doctor) को अपने से कम उम्र का सहकर्मी ऐसा भाया कि उसने निकाह नहीं किया तो उसे बलात्कार के झूठे केस में फंसा डाला। मजेदार बात यह है कि उसने मुलजिम पर गर्भपात तक के इल्जाम मढ़ डाले, जिनका पुलिस रिपोर्ट (Police Report) में कोई जिक्र नहीं था।

 अक्सर कहा जाता है कि ‘कानून अंधा होता है’, लेकिन यह भी एक सच है कि ‘कानून सबूत मांगता है और मंशा यही रहती है कि भले ही सौ गुनहगार छूट जाएं, किंतु एक बेगुनाह को सजा न हो।’ ऐसा ही एक मामला यहां सामने आया। दरअसल खजराना थाना क्षेत्र में एक क्लिनिक में काउंटर पर पर्ची बनाने का काम करने वाले राहत खान पर वहीं काम करने वाली महिला डॉक्टर का दिल आ गया, लेकिन निकाह से इनकार करना मुलजिम को भारी पड़ा। डॉक्टर ने उसे रेप के केस में फंसवा दिया। अदालत में महिला ने राहत के खिलाफ बयान दिए और कहा कि मुलजिम ने शादी करने का झांसा देकर पहले उसके घर में उससे जबरदस्ती की, फिर जब-तब खोटा काम करता रहा। बाद में शादी से इनकार कर दिया। डॉक्टर ने कोर्ट में यह तक कहा कि मुलजिम ने एक बार गर्भपात की दवा खिलाकर उसका गर्भपात भी करवा दिया। राहत ने बचाव में अपने मामा अब्दुल मुस्तफा के बयान कराए, जिन्होंने कोर्ट को बताया कि उसके भानजे राहत को एक कर्मचारी शादी के लिए कह रही थी, लेकिन वह उससे शादी नहीं करना चाहता था। उन्होंने कर्मचारी से कहा था कि उसका भानजा उससे उम्र में काफी छोटा है।

एकतरफा प्रेम में थी दीवानी, पूछने पर बोली- ‘पसंद ही नहीं था’

महिला डॉक्टर ने वर्ष 2012 से 2016 तक बलात्कार होना बताया, लेकिन चार साल बाद रिपोर्ट क्यों लिखाई, इस सवाल का उसके पास सटीक जवाब नहीं था। जब उससे मुलजिम के वकील ने पूछा कि क्या वह मुलजिम से एकतरफा प्यार करती थी? तो उसने कहा कि ‘मुलजिम उसे पसंद ही नहीं था’, जबकि कोर्ट में ही उसने अपने बयान में यह तक कहा था कि उसने मुलजिम से कहा था कि वह उससे निकाह कर ले तो वह उसके साथ रहने को तैयार है। दिलचस्प बात यह है कि डॉक्टर कहीं भी यह साबित नहीं कर सकी कि मुलजिम ने उसे शादी का प्रस्ताव दिया था, उलटा कोर्ट ने माना कि फरियादिया ही उसे शादी का प्रस्ताव दे रही थी। बलात्कार और गर्भपात  की बातें डॉक्टर ने न तो पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाते समय बताई थीं और न उसके पुलिस या कोर्ट में बंद कमरे में दिए बयान में आई थीं।  इसके विपरीत जब कोर्ट में ट्रायल चला तो डॉक्टर ने युवक पर वे तमाम इल्जाम मढ़ दिए, जो उसके पहले दिए बयानों में ही नहीं आए थे।

निकाह का झांसा देकर करता रहा था बलात्कार

महिला ने इल्जाम लगाया था कि एक ही क्लिनिक में काम करने के दौरान उसकी मुलजिम से पहचान हो गई थी। मुलजिम ने उसे शादी का झांसा दिया और कहा कि वह हाजी साहब से निकाह करवा लेगा और एक सादे कागज पर उससे दस्तखत करवा लिए। फिर उसकी अस्मत लूटता रहा। उसने मुलजिम से शादी का बोला तो कहा कि ‘अभी जल्दी क्या है? और साथ रहने को ही शादी नहीं मानती हो तो मैं मर जाता हूं।’ लेकिन, फरियादिया की सारी कहानी बेदम साबित हुई। उसने पहले उज्जैन के महिला थाने में युवक पर बलात्कार के जुर्म में जीरो पर कायमी कराई, बाद में यह केस खजराना थाने ट्रांसफर हुआ, लेकिन महिला की चालबाजी धरी रह गई।

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