सरकार 31 मार्च तक गेहूं नहीं खरीदेगी और किसानों ने गेहूं नहीं बेचे तो लोन नहीं चुका पाएंगे…
इंदौर । अचानक वर्षा (Rain) के चलते गेहूं (Crop) की फसल में आई नमी के कारण सरकार (Government) ने कल अचानक आदेश निकालकर समर्थन मूल्य (Support Price) पर गेहूं की खरीदी पर 31 मार्च तक रोक लगा दी है, जिसके चलते मंडियों ( Mandis) में अनाज लेकर पहुंचे किसानों (Farmers) की मजबूरी का फायदा उठाते हुए व्यापारियों ने समर्थन मूल्य से बेहद ही कम दामों की बोली लगाकर गेहूं खरीदना चाहा तो किसानों ने हंगामा कर दिया और लक्ष्मीबाई नगर (Laxmibai Nagar) स्थित अनाज मंडी (Grain Market) के बाहर चक्काजाम कर दिया।
इस बार सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर 25 मार्च से गेहूं की खरीदी शुरू की गई थी, लेकिन 3 दिन बाद ही खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के अवर सचिव आशीष कुमार ने किसानों की समस्या बढ़ाते हुए आदेश जारी किया कि पिछले दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि के चलते गेहूं में नमी की मात्रा ज्यादा है, इसलिए 31 मार्च तक समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी नहीं की जाएगी। साथ ही गेहूं बेचने के लिए 1 अप्रैल के बाद फिर से किसानों को नया स्लॉट बुक करना होगा। इस आदेश के बाद जहां समर्थन मूल्य पर सरकार ने गेहूं की खरीदी बंद कर दी, वहीं मजबूरी में अपना अनाज लेकर किसान मंडी पहुंचे तो वहां व्यापारियों ने उनकी मजबूरी को देखते हुए समर्थन मूल्य से कम पर गेहूं का भाव लगाया तो किसान उखड़ गए और हंगामा शुरू कर दिया। आज सुबह लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में पहुंचे इन किसानों के गेहूं की समर्थन मूल्य की दर 2125 रुपए के बदले व्यापारियों ने मात्र 1700-1800 रुपए की बोल लगाई, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया।
आज लोन नहीं चुकाया तो 12 प्रतिशत ब्याज ठुकेगा
किसान परेशानी से लगातार जूझ रहे हैं। पहले मौसम की बेरुखी और असमय बारिश से जहां फसल तबाह हो गई, वहीं यदि उन्होंने गेहूं बेचकर आज 28 मार्च को क्रेडिट कार्ड का लोन जमा नहीं कराया तो उन्हें मुफ्त ब्याज पर लिए गए लोन के बदले 12 प्रतिशत ब्याज चुकाना पड़ेगा। इसलिए वे आज ही अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर हैं और व्यापारी इसका फायदा उठाते हुए उन्हें समर्थन मूल्य से भी 15 से 20 प्रतिशत तक कम दाम पर गेहूं बेचने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
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