US: कोरोना की दवा के गैरकानूनी व्यापार मामले में भारतीय मूल का नागरिक दोषी करार

वाशिंगटन (Washington)। अमेरिका (America) में कोरोना की दवा (Corona medicine) का गैरकानूनी व्यापार (illegally trading) करके अवैध लाभ (illegal profits ) कमाने के मामले में भारतीय मूल के पूर्व फाइजर कर्मचारी अमित डागर (Indian-origin former Pfizer employee Amit Dagar) को दोषी करार दिया है। आरोपी पर फार्मास्यूटिक कंपनी द्वारा दवाओं का क्लिनिकल (medicine trial) परीक्षण परिणामों के बारे में जानकारी के आधार पर गैरकानूनी व्यापार करके अवैध लाभ कमाने का आरोप है।

कोरोना की दवा के गैरकानूनी व्यापार में फंसे
न्याय विभाग ने एक बयान में कहा कि मामले में दो सप्ताह की सुनवाई के बाद न्यू जर्सी के हिल्सबोरा के रहने वाले अमित डागर को पिछले सप्ताह प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश के एक मामले में दोषी ठहराया गया था। कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, नवंबर 2021 में आरोपी अमित डागर ने कोविड-19 के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा पैक्स्लोविड के परिणामों के बारे में अंदरूनी जानकारी के आधार पर विकल्प ट्रेडिंग से अवैध लाभ कमाने के लिए गैरकानूनी व्यापार योजना में भाग लिया।

फाइजर के कर्मचारी दोषी करार
गौरतलब है कि आरोपी उस वक्त फाइजर का कर्मचारी था। नैदानिक दवा परीक्षणों में डेटा विश्लेषण के प्रबंधन में सहायता करता था। चार नवंबर, 2021 को अमित डागर को पता चला कि हल्के से गंभीर कोविड-19 संक्रमण के इलाज के लिए डिजाइन की गई दवा पैक्स्लोविड के फाइजर परीक्षण ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं।

आरोपी अमित के खिलाफ थे पर्याप्त सबूत- डेमियन
अमेरिकी अटॉनी डेमियन विलियम्स ने कहा कि जैसा कि फैसले से पता चलता है, अमित डागर के खिलाफ सबूत पर्याप्त थे। फाइजर से पैक्सलोविड के बारे में जानकारी चुराई और शेयर बाजार में लाभ के लिए उस अवैध बढ़त का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि हमारे वित्तीय बाजारों में भ्रष्टाचार से निपटना इस कार्यालय की प्राथमिकता बनी हुई है। प्रतिभूमि धोखाधड़ी में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 20 साल जेल की सजा होती है और प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश में दोषी पाए जाने पर पांच साल सजा होती है।

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