इस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत, अखंड सौभाग्य के वरदान के लिए जरूर करें ये खास उपाय

नई दिल्ली (New Delhi) । ज्योतिष शास्त्र में पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए कई तरह के व्रत रखे जाते हैं. इसमें ज्येष्ठ माह में पड़ने वाला वट सावित्री व्रत भी शामिल है. शास्त्रों में इस व्रत का विशेष महत्व है. ज्येष्ठ माह की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सौभाग्य प्राप्ति के लिए वट सावित्री (Vat Savitri ) का व्रत रखा जाता है. कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से महिलाओं के दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है.

ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ माह में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि (new moon and full moon date) दोनों पर ही रखा जाता है. इस साल वट सावित्री का व्रत ज्येषिठ अमावस्या 19 मई के दिन रखा जाएगा. वहीं, 3 जून को पूर्णिमा तिथि के दिन भी ये व्रत रखा जाएगा. इस दिन किन उपायों को करना लाभकारी होगा जानें.

वट सावित्री व्रत तिथि 2023
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभदायी माना जाता है. कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि (prosperity) आती है. ज्येष्ठ माह की अमावस्या और पूर्णिमा दोनों ही तिथि को ये व्रत रखा जाता है. बता दें इस बार ज्येष्ठ अमावस्या (Jyestha Amavasya) 19 मई और ज्येष्ठ पूर्णिमा 3 जून के दिन पड़ रही है.

वट सावित्री व्रत पूजा मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार 19 मई को वट सावित्री व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 19 मिनट से लेकर 10 बजकर 42 मिनट तक है. इस दिन शनि जयंती भी है. वहीं, ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत का शुभ मुहूर्त 3 जून सुबह 07 बजकर 16 मिनट से लेकर 08 बजकर 59 मिनट तक है. इस दिन शिव, सिद्धि और रवि योग बन रहा है.

वट सावित्री व्रत के दिन करें ये उपाय
– ज्योतिष शास्त्र में वट सावित्री व्रत को बहुत चमत्कारी (Miraculous) माना गया है. अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से बीमार है, तो वट सावित्री व्रत के दिन रात को रोगी के तकिए के नीचे बरगद के पेड़ की जड़ रखने से लाभ होता है. बता दें पूर्णिमा तक इस व्रत को रोज रखना होता है. इससे व्यक्ति के स्वास्थ्य में धीरे-धीरे लाभ होने लगता है.

– वट सावित्री व्रत वाले दिन शनि जयंती भी है. इस दिन पीपल के पेड़ को दूध, गंगाजल आदि अर्पित करें. इतना ही नहीं, इस मंत्र का 11 बार जाप करें और परिक्रमा लगाकर अपनी समस्या बताएं. मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः

(नोट- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है.)

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