पिता का इलाज कराने एमवाय गई बालिका से दरिंदगी

नशीली चाय पिलाकर रेप करने वाले लिफ्टमैन को 10 साल की सजा

इन्दौर। छह साल पहले एमवाय अस्पताल की छठी मंजिल पर 15 साल की बालिका को ले जाकर उससे जबरदस्ती करने वाले लिफ्टमैन को कोर्ट ने 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाकर जेल भेज दिया।

मुजरिम का नाम संदीप पिता ओमप्रकाश निवासी बेकरी गली मालवा मिल है। पीडि़ता के पिता का एक्सीडेंट होने से एमवाय अस्पताल की तीसरी मंजिल पर इलाज चल रहा था। पीडि़ता व उसकी मां अपने ससुर के साथ देख-रेख कर रही थी। 18 नवंबर 2016 को पीडि़ता खाना लेने लिफ्ट से नीचे गई, मगर नहीं लौटी। इस पर मां ने पुलिस को खबर कर लिफ्टमैन संदीप पर शक जाहिर किया। बाद में पीडि़ता ने रतलाम जाकर मां को फोन किया तो जो माजरा सामने आया, उसके अनुसार पीडि़ता खाना लेने गई थी, जहां मुजरिम ने उसे चाय पिलाई, फिर लिफ्ट से लौटते समय जबरन छठी मंजिल पर ले गया और उसके माता-पिता को जान से खत्म करने की धमकी देते हुए सारी रात पीडि़ता से दुष्कर्म किया। अगले दिन उसे रेल से रतलाम ले गया और स्टेशन पर छोड़ दिया। मामले में विशेष अदालत में संदीप ने कहा कि पीडि़ता ने बलात्कार नहीं, बल्कि ‘गलत कार्य’ होने की बात कही है और गलत कार्य का मतलब रेप नहीं होता, लेकिन स्पेशल जज रश्मि वाल्टर ने बड़ी अदालतों की नजीरों का हवाला देते हुए गलत कार्य का मतलब ‘बलात्कार’ ही माना। मेडिकल रिपोर्ट से लडक़ी से शारीरिक संंबंध बनाने के तथ्य सामने आए थे। इस पर कोर्ट ने मुजरिम को नाबालिग को अगवा करने, उससे बलात्कार करने, रास्ता रोकने व धमकाने के जुर्मों में दोषी करार देकर दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। चार धाराओं में दो हजार सात सौ रुपए जुर्माने से भी दंडित किया।

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