नई दिल्ली। विस्तारा एयरलाइंस का संकट जल्द ही खत्म हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हफ्ते के अंत तक एयरलाइंस की उड़ानें भी सामान्य हो सकती हैं। विस्तारा एयरलाइंस ने ही इसके संकेत दिए हैं। विस्तारा एयरलाइंस पायलट्स की कमी से जूझ रही है और इसके चलते हाल के दिनों में बड़ी संख्या में विस्तारा एयरलाइंस की फ्लाइट्स या तो कैंसिल हुई हैं या फिर उनमें देरी हुई है। इसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
पायलट्स की इन बातों को लेकर है शिकायत
विस्तारा एयरलाइंस के पायलट्स ने थकान की शिकायत की थी और इसका सीधा असर सुरक्षा पर पड़ता है। पायलट्स का कहना है कि वह अधिकतम फ्लाइट ड्यूटी की सीमा तक पहुंच गए हैं और थकान की वजह से वे जल्दी जल्दी बीमार हो रहे हैं। विस्तारा एयरलाइंस के कई पायलट बीमार बताए जा रहे हैं। वहीं कई एयर इंडिया के साथ विस्तारा के विलय के बाद लाए जाने वाले सैलरी स्ट्रक्चर से खुश नहीं हैं और इसका विरोध कर रहे हैं।
पायलट्स का कहना है कि हर कोई उड़ान से थक गया है। सभी नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों से उम्मीद कर रहे थे कि वे कुछ राहत देंगे, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है। पायलट्स ने इस बात की भी शिकायत की है कि एयरलाइंस पायलट्स से ज्यादा सॉफ्टवेयर पर विश्वास कर रही है। पायलट्स थकान की शिकायत कर रहे हैं और कंपनी बोइंग अलर्टनेस मॉडल पर विश्वास कर रही है।
डीजीसीए की घटनाक्रम पर है नजर
डीजीसीए की भी इस पूरे मामले पर नजर है। यही वजह है कि डीजीसीए ने विस्तारा एयरलाइंस से बड़ी संख्या में फ्लाइट्स कैंसिल होने पर जवाब मांगा था। साथ ही डीजीसीए ने पायलट्स के विरोध को देखते हुए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों को लागू करने पर फिलहाल रोक लगा दी है और इन पर और चर्चा करने को कहा है। नए नियम 1 जून से लागू होने थे।
विस्तारा एयरलाइंस के सीईओ विनोद कानन और कई अन्य शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार की शाम पायलटों और अन्य स्टाफ के साथ एक वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में नए कॉन्ट्रैक्ट और रोस्टर के मुद्दे पर बात हुई। मीडिया रिपोर्ट्स में कंपनी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बैठक के बाद पायलट भी सहयोग के लिए तैयार हैं। विस्तारा एयरलाइंस का एयर इंडिया के साथ विलय मई तक होने की उम्मीद है।
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