पानी की किल्लत, और गाडिय़ां धोने से लेकर मकान निर्माण तक के काम पीने के पानी से जारी

  • -एसटीपी का वाटर निगम से खरीदकर कर सकते हैं काम, लेकिन खरीदना तो दूर मुफ्त में भी नहीं ले रहा पानी
  • – पिछले साल 28 अप्रैल को तत्कालीन निगम कमिश्नर ने आदेश जारी कर लगाया था प्रतिबंध
  • – अब तक एक कार्रवाई भी नहीं हुई, सर्विस सेंटर सील करने तक की जाहिर सूचना भी हुई थी जारी

इन्दौर। शहर का भू-जलस्तर तेजी से गिर रहा है, जिसके चलते कल प्रशासन ने नए बोरिंगों पर प्रतिबंध लगाया है, वहीं नगर निगम ने करोड़ों की राशि खर्च कर शहर के अलग-अलग स्थानों पर दस एसटीपी बनाए हैं, जिनमें हर रोज लगभग 350 एमएलडी पानी साफ किया जा रहा है। इस पानी का उपयोग नहीं हो पा रहा है, क्योंकि निगम द्वारा बनाए गए 48 हाइड्रेंटों से कोई भी पानी नहीं ले जाता। निगम ने 28 अप्रैल, 2022 को जाहिर सूचना जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि सर्विस सेंटरों और निर्माणाधीन मकानों में बोरिंग अथवा नर्मदा के पानी का उपयोग किया गया तो संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन एक भी स्थान पर कार्रवाई नहीं हुई।

पिछले कुछ दिनों से शहर के अलग-अलग वार्डों में जलसंकट की स्थिति और ज्यादा बढऩे लगी है। दूसरी ओर निगम के सार्वजनिक बोरिंग भी सूखने लगे हैं। इसी के चलते निगम के टैंकरों से उन क्षेत्रों में पानी भेजा जाता रहा। नगर निगम के शहरभर में साढ़े पांच हजार से ज्यादा बोरिंग हैं, जिनके माध्यम से लोगों को पानी मिलता है। पिछले कुछ महीनों से इन्दौर में भूजल की स्थिति फिर गंभीर होती गई और अब स्थिति ग्रामीणों क्षेत्रों में ज्यादा बिगडऩे लगी है, जिसके चलते कलेक्टर आशीष सिंह ने कल नए बोरिंगों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। नगर निगम ने शहरभर में दस एसटीपी बनाए और उनमेें हर रोज 350 एमएलडी पानी साफ हो रहा है, लेकिन इसकी खपत नहीं हो पा रही है। निगम ने विभिन्न स्थानों पर 48 हाइड्रेंट बनाए, ताकि ट्रीटेड पानी का उपयोग हो सके। कई क्षेत्रों में लाइनें बिछाई गईं और भानगढ़ से लेकर कई ग्रामीण क्षेत्रों में लाइनें बिछाने का काम जारी है।

पिछले कुछ दिनों से शहर के अलग-अलग वार्डों में जलसंकट की स्थिति और ज्यादा बढऩे लगी है। दूसरी ओर निगम के सार्वजनिक बोरिंग भी सूखने लगे हैं। इसी के चलते निगम के टैंकरों से उन क्षेत्रों में पानी भेजा जाता रहा। नगर निगम के शहरभर में साढ़े पांच हजार से ज्यादा बोरिंग हैं, जिनके माध्यम से लोगों को पानी मिलता है। पिछले कुछ महीनों से इन्दौर में भूजल की स्थिति फिर गंभीर होती गई और अब स्थिति ग्रामीणों क्षेत्रों में ज्यादा बिगडऩे लगी है, जिसके चलते कलेक्टर आशीष सिंह ने कल नए बोरिंगों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। नगर निगम ने शहरभर में दस एसटीपी बनाए और उनमेें हर रोज 350 एमएलडी पानी साफ हो रहा है, लेकिन इसकी खपत नहीं हो पा रही है। निगम ने विभिन्न स्थानों पर 48 हाइड्रेंट बनाए, ताकि ट्रीटेड पानी का उपयोग हो सके। कई क्षेत्रों में लाइनें बिछाई गईं और भानगढ़ से लेकर कई ग्रामीण क्षेत्रों में लाइनें बिछाने का काम जारी है।

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