हम अपनी मातृ भाषा हिन्दी से प्रेम करें-मंत्री यादव

  • उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव हिन्दी ग्रंथ अकादमी स्वर्ण जयंती वर्ष के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुए

उज्जैन। हिन्दी ग्रंथ अकादमी के स्वर्ण जयन्ती के अवसर आयोजित समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव मौजूद हुए।
उन्होंने कहा कि हमें मातृभाषा हिन्दी से प्रेम होना चाहिये। प्रदेश में मेडिकल इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम अब हिन्दी में भी लागू होंगे। हम वर्तमान समय में अतीत की प्रेरणा से नये कीर्तिमान रच रहे हैं। विक्रम कीर्ति मन्दिर में आयोजित मप्र हिन्दी ग्रंथ अकादमी एवं विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय ने प्रतियोगिता में विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 11 अक्टूबर को महाकाल लोक के लोकार्पण के पूर्व एक हफ्तेभर विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा भगवान शिव के विविध प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। शिव मन्दिरों में पूजा-पाठ होगी। हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संचालक अशोक कड़ेल ने कहा कि मप्र हिन्दी ग्रंथ अकादमी का स्वर्ण जयन्ती का समापन वर्ष 2020 में होना था, परन्तु कोविड महामारी के चलते हुए उक्त कार्यक्रम अब मना रहे हैं। प्रदेश में जिला, संभाग एवं राज्य स्तर पर निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी। निबंध प्रतियोगिता में विषय भारत की प्राचीन ज्ञान परम्परा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति था।


निबंध प्रतियोगिता के परिणाम में प्रथम कु.विरती चौहान शासकीय संस्कृत महाविद्यालय रामबाग इन्दौर एवं द्वितीय स्थान पर कु.सुरूचि काले जयवंती हक्सर शासकीय महाविद्यालय बैतूल और तृतीय स्थान पर संजय केवट शासकीय महाविद्यालय गोहवास जिला शहडोल रहे। स्वागत भाष कुल सचिव डॉ.प्रशांत पुराणिक ने दिया। लोकार्पित स्वर्णिम रचना ग्रंथ का सम्पादन प्रो.शैलेंद्र कुमार शर्मा, डॉ.राकेश ढंड, प्रज्ञेश अग्रवाल एवं अल्पेश चतुर्वेदी ने किया है। अतिथियों का स्वागत प्राचार्य अर्पण भारद्वाज, डॉ.रमण सोलंकी, रामविश्वास कुशवाह आदि ने किया। विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में अनुमानित दो करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सम्राट विक्रमादित्य इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस भवन का उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने लोकार्पण किया। इसी के साथ विक्रम कीर्ति मन्दिर परिसर में विक्रम विश्वविद्यालय के सौजन्य से पुस्तक बिक्री केन्द्र का फीता काटकर शुभारम्भ किया।

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