बदमाशों की पिस्टलों में कारतूस कहां से आते हैं? इस पहेली की गुत्थी भी सुलझा ली पुलिस ने


कारतूसों की खेप पकड़ाई
इंदौर। शहर के बदमाशों के पास हथियार हैं इस बात की कई बार पुष्टि हो चुकी है, लेकिन इन हथियारों में चलाने के लिए कारतूस कहां से आता है, इस पर क्राइम ब्रांच कई दिनों से काम कर रही थी। इसी बीच क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली और दो तस्करों के पास कारतूस की बड़ी खेप मिली। ये शौचालय के पास खड़े होकर डिलीवरी देेने की फिराक में थे, तभी इन्हें दबोच लिया गया। इनके जरिए अब उस तक भी पहुंचा जाएगा, जो इंदौर में अवैध रूप से कारतूस सप्लाय करने वाला बड़ा तस्कर है।

आईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि अभी तक हथियार बेचने वाले सिकलीगरों को पकड़ा जा रहा था, लेकिन क्राइम ब्रांच कई दिनों से शहर में कारसूत कहां से आ रहे हैं इस थीम पर काम कर रही थी। इसी बीच खुफिया तंत्र को खबर मिली कि नवलखा बस स्टैंड सुलभ शौचालय के पास कारतूस की बड़ी खेप देने आए दो बदमाश खड़े हुए हंै। क्राइम ब्रांच की टीम ने घेरांबदी की और दोनों तस्करों को पकड़ा। इनके पास से 80 कारतूस और दो पिस्टल जब्त हुई हैं। आरोपियों के नाम मृत्युंजय उर्फ भोला बंगाली निवासी बंगाली कॉलोनी नदी पार हरदा और नूपेंद्र सिंह परमार निवासी दतिया हैं। दोनों इंदौर में कारतूसों की खेप देेने आए थे। ये दोनों बदमाश इतने शातिर हैं कि पुलिस से अगर इनका सामान हो जाए तो पुलिस से दो-दो हाथ करने के लिए इनके पास पिस्टलें भी थीं, पर क्राइम ब्रांच की टीम ने दोनों को हथियार चलाने का मौका ही नहीं दिया। इन आरोपियों के पकड़ाने के बाद पुलिस दावा कर रही है कि अब शहर में होने वाली वारदातों के लिए आने वाले कारतूस पर कुछ हद तक रोक लगाई जा सकेगी। हालांकि अभी भी पुलिस के सामने कई पहेलियां हैं, जिसमें ये कारतूस इंदौर में कहां-कहां बंटती थी। साथ ही कहां से लाई जा रही थीं।

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