पाकिस्तान में कहां फंसा पेंच? आखिर 10 दिन बाद भी क्यों नहीं पाई नई सरकार

नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए थे। इस चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों (independent candidates) ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने सरकार बनाने का दावा ठोंक दिया।

दोनों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) प्रधानमंत्री और आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति बनेंगे, लेकिन अभी तक शपथ ग्रहण समारोह नहीं हो सका है। पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच अब 19 फरवरी को अगले दौर की बातचीत होगी, जिसमें सरकार गठन को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। द ट्रिब्यून एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, PML-N और PPP की कोऑर्डिनेशन कमेटियों के बीच 17 फरवरी को सरकार गठन से संबंधित प्रमुख प्रस्तावों पर चर्चा हुई।

बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने एक स्थिर लोकतांत्रिक सरकार के गठन पर जोर दिया। बैठक में पीएमएल-एन की तरफ से सीनेटर इशाक डार, सरदार अयाज सादिक, सीनेटर आजम नजीर तरार और मलिक मुहम्मद अहमद खान शामिल हुए। गौरतलब है कि आम चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। इस चुनाव में पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों को 92 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि पीएमएल-एन ने 80 और PPP ने 54 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

इसके बाद पीएमएल–एन और पीपीपी ने गठबंधन सरकार बनाने का ऐलान किया। पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच कई मुद्दों पर सहमति बन गई है, लेकिन सरकार गठन को लेकर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। दोनों दलों ने गठबंधन के लिए सिफारिशों पर चर्चा करने और उन्हें औपचारिक रूप देने के लिए संपर्क और समन्वय समितियों (CCC) का गठन किया है।

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