भारत में गेहूं, चावल की सब्सिडी पर अमेरिका ने क्यों जताई आपत्ति?


नई दिल्ली. भारत ( India) में गेहूं (wheat) और चावल (rice) पर दी जा रही सब्सिडी पर अमेरिकी (America) सांसदों ने आपत्ति (object) जताई है. अमेरिकी वित्त विभाग के सीनेट समिति के अध्यक्ष रॉन विडेन (Ron Widen) ने आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत में गेहूं पर सब्सिडी (subsidy) बाजार कीमतों को प्रभावित करती है जिससे अमेरिकी किसानों (farmers) का नुकसान होता है. ऐसे में अमेरिका के किसानों के लिए एशियाई (Asian) बाजार में टिक पाना कठिन होता जा रहा है.

बाइडेन सरकार में एक शीर्ष व्यापार अधिकारी के तौर पर कार्यरत कैथरीन टाई ने सांसदों को बताया कि भारत ने अमेरिकी कृषि उद्योग के लिए 12 अलग-अलग श्रेणियों में अपना बाजार खोल दिया है. टाई ने इस दौरान भारत में गेहूं और चावल पर दी जा रही सब्सिडी पर चिंता जाहिर करते हुए अमेरिकी किसानों ओर व्यवसायों की सुरक्षा के लिए व्यापार नियमों को लागू करने के महत्व पर जोर दिया.

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और भारत ने आपसी सहमति से सात डब्ल्यूटीओ विवादों को सुलझा लिया है. जिसके बाद भारत कई अमेरिकी उत्पादों पर लग रहे प्रतिशोधात्मक शुल्क को हटाने के लिए तैयार हो गया है. इससे मिशिगन, ओरेगॉन, कैलिफोर्निया और वॉशिंगटन समेत देश भर के किसानों को लाभ मिलेगा.

व्यापार सभी अमेरिकियों के हित में होना चाहिएः अमेरिकी अधिकारी

कैथरीन टाई ने आगे यह भी कहा कि व्यापार सभी अमेरिकियों के हित में होना चाहिए. हमारा लक्ष्य अमेरिकी व्यापार नीति में अमेरिकियों को एक दूसरे के खिलाफ लड़ाई को बंद कराना है. यही कारण है कि हम व्यापार नीति निर्धारण में अधिक से अधिक आवाजों को शामिल करने के लिए असाधारण कदम उठा रहे हैं. वित्त विभाग के सीनेट समिति के अध्यक्ष सीनेटर रॉन विडेन का भी कहना है कि भारत में गेहूं पर सब्सिडी से बाजार में कीमत प्रभावित हो रही है और जिससे अमेरिकी किसानों का नुकसान हो रहा है. किसी अन्य देशों द्वारा किसी भी प्रकार के अनुचित कार्यों से अमेरिकी कंपनियों में काम कर रहे श्रमिक भी प्रभावित होते हैं.

भारत-अमेरिका फाइटर जेट डील क्रांतिकारीः अमेरिकी रक्षा मंत्री

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत और अमेरिका के बीच हुए जेट डील समझौते को क्रांतिकारी बताया है. इस समझौते के तहत दोनों देश संयुक्त रूप से भारतीय वायु सेना के लिए लड़ाकू जेट इंजन बनाएंगे. जून में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान ही भारत और अमेरिका के बीच फाइटर जेट इंजन को लेकर डील हुई थी. भारत के लिए यह डील बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हवाई क्षमता का विस्तार होगा. अमेरिका इस डील के तहत भारत को फाइटर जेट इंजन की महत्वपूर्ण तकनीक का हस्तांतरण करेगा.

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