शराब घोटाले में क्‍यों सलाखों के पीछे पहुंच गए डिप्टी सीएम सिसोदिया? सामने आई ये बड़ी वजहें!

नई दिल्ली (New Delhi)। सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को शराब नीति घोटाला मामले (Liquor Policy Scam Case) में अरेस्ट कर लिया है. उन्हें आईपीसी (Indian Penal Code) की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), 477 -A (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत गिरफ्तार किया गया है.

इन पर सिसोदिया कोई जवाब नहीं दे सके
उनके खिलाफ ये कार्रवाई किन आधारों पर हुई है, ये भी सामने आ गया है. सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने घोटाला मामले में पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ कई सबूत रखे. इसमें कुछ दस्तावेज और डिजिटल एविडेंस (Digital Evidence) थे. इन पर सिसोदिया कोई जवाब नहीं दे सके.

इतना ही नहीं सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने का भी आरोपी पाया है. इसमें उनकी मिलीभगत सामने आई है. मामले में उस ब्यूरोक्रैट का बयान बेहद अहम है, जिसने सीबीआई को दिए अपने बयान में कहा था कि एक्साइज पॉलिसी तैयार करने में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी और जीओएम (Group of Ministers) के सामने आबकारी नीति रखने से पहले कुछ निर्देश भी दिए गए थे.

आबकारी विभाग में हुई चर्चा या फाइलों का रिकॉर्ड नहीं
ये बात भी सामने आई है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. शराब नीति में कुछ ऐसे प्रावधान जोड़े गए थे जो पहले मसौदे का हिस्सा ही नहीं थे. इस पर सिसोदिया ये नहीं बता सके कि उन प्रावधानों को कैसे शामिल किया. इतना ही नहीं इस बारे में आबकारी विभाग में हुई चर्चा या फाइलों का कोई रिकॉर्ड भी नहीं था. ज्यादातर सवालों के जवाब में सिसोदिया ने कहा “मुझे नहीं पता”.

आबकारी विभाग में काम करने वाले एक अधिकारी के बयान ने ड्राफ्ट को बदलने में सिसोदिया की भूमिका का खुलासा किया है. वहीं, जब्त किए गए डिजिटल साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच से पता चला है कि ये प्रावधान व्हाट्सएप पर एक अधिकारी द्वारा प्राप्त किए गए थे.

डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई का बयान
सिसोदियो की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई ने कहा कि नई आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के लिए उपमुख्यमंत्री और प्रभारी आबकारी मंत्री व 14 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इसमें मुंबई की एक निजी कंपनी के तत्कालीन सीईओ व 6 अन्य लोगों के खिलाफ 25 दिसंबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया गया.

डिप्टी सीएम को 19 फरवरी 2023 को जांच में सहयोग करने के लिए सीआरपीसी की धारा 41-A के तहत नोटिस जारी किया गया था. हालांकि उन्होंने व्यस्तता का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा. उनके अनुरोध पर आज फिर नोटिस जारी किया गया. हालांकि, इस दौरान उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और जांच में सहयोग नहीं किया. इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है.

बीजेपी पर हमलावर आम आदमी पार्टी
ये ऐसे प्वाइंट सामने आए हैं, जिन्होंने मनीष को मुसीबतों में डाल दिया है. कल कोर्ट में उनकी पेशी होनी है. अदालत का क्या निर्णय होगा ये तो आने वाली सुबह बताएगी, लेकिन सिसोदिया की गिरफ्तारी से दिल्ली का सियासी पारा हाई हो गया है. आम आदमी पार्टी बीजेपी पर हमलावर है.

आम आदमी पार्टी ने कहा कि ये गिरफ्तारी किसी जांच के चलते नहीं बल्कि आप और अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण हुई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया को बेकसूर बताया है. उन्होंने कहा कि मनीष बेकसूर हैं. उनकी गिरफ्तारी गंदी राजनीति है. गिरफ्तारी से लोगों में बहुत रोष है. लोग सब देख रहे हैं. लोगों को सब समझ आ रहा है, लोग इसका जवाब देंगे. इससे हमारे हौसले और बढ़ेंगे. हमारा संघर्ष और मजबूत होगा.”

‘कहां हैं ये 10 हजार करोड़ रुपये…’- आतिशी
आम आदमी पार्टी नेता आतिशी ने कहा कि आज सुबह मनीष सिसोदिया ने सीबीआई हेडक्वार्टर जाने से पहले कहा था कि उन्हें गिरफ्तार किया जाने वाला है. मनीष सिसोदिया वो शिक्षा मंत्री हैं, जिन्होंने दिल्ली के 30 लाख गरीब बच्चों को एक अच्छा भविष्य दिया है. सिसोदिया वो शिक्षा मंत्री है, जिन्होंने जब देश में हर व्यक्ति ये मानता था कि सरकारी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई नहीं हो सकती, उन्होंने पूरे देश का कॉन्फिडेंस सरकारी स्कूलों में बढ़ाया.

उन्होंने कहा कि बीजेपी कह रही है कि सिसोदिया ने 10 हजार करोड़ का घोटाला किया है. मैं पूछना चाहती हूं, “कहां हैं ये 10 हजार करोड़ रुपये, जो आप कह रहे हैं कि घोटाला किया है. क्या 10 हजार करोड़ रुपये उनके घर में मिले हैं, उनके बैंक में मिले हैं, उनके रिश्तेतार के घर में मिले हैं, कोई बेनामी संपत्ति मिली, पैतृक गांव में कुछ मिला है? एक साल की जांच के बाद भी सीबीआई-ईडी ये प्रमाण देश के सामने नहीं रख पाई कि सिसोदिया ने एक रुपये का भी घोटाला किया है.

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