कांग्रेस राजस्थान में नए चेहरों पर क्‍यों लगाना चाहती है दांव, जानिए पूरा प्‍लान

भोपाल (Bhopal)। पांच राज्‍यों में होने वाले विधानसभा चुनावों (assembly elections) की तारीख घोषित होते ही पार्टियों ने अपने प्रत्‍याशी घोषित करने का सिलसिला शुरू हो गया है। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पार्टी ने इन तीनों राज्यों में ज्यादातर पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश के लिए 144, छत्तीसगढ़ के लिए 30 और तेलंगाना के लिए 55 प्रत्याशियों का ऐलान किया गया है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा सीट से, जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल परंपरागत सीट पाटन से चुनाव मैदान में उतरेंगे।

कांग्रेस की ओर से नवरात्रि के पहले दिन जारी सूची में ओबीसी वर्ग, महिलाओं और युवाओं को ज्यादा हिस्सेदारी देने की कोशिश की गई है। पार्टी ने इन तीनों राज्यों के लिए 229 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने 69 विधायकों को फिर से टिकट दिया है। पार्टी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ बुधनी से अभिनेता विक्रम मस्ताल को अपना उम्मीदवार बनाया है। मस्ताल धारावाहिक रामायण-दो में हनुमान की भूमिका निभा चुके हैं।


दिग्विजय के बेटे जयवर्धन और भाई लक्ष्मण को भी टिकट
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को राघौगढ़ से और उनके भाई लक्ष्मण सिंह को गुना के चचौरा विधानसभा सीट से टिकट दिया है। पार्टी ने पचास साल से कम उम्र के उम्मीदवारों को भी हिस्सेदारी दी है। 144 उम्मीदवारों की सूची में 65 प्रत्याशियों की उम्र 50 साल से कम है। इसके साथ ही कांग्रेस ने जातिगत समीकरणों को साधते हुए 47 सामान्य वर्ग, 39 ओबीसी, छह अल्पसंख्यक, 22 एससी और 30 एसटी प्रत्याशियों को टिकट दिया है। इस सूची में 19 महिला उम्मीदवार हैं।

कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में उम्मीदवारों के चयन के लिए कराए गए अंदरूनी सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर राज्य के आठ विधायकों के टिकट काट दिए हैं। जबकि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व उनके सभी 12 कैबिनेट सहयोगियों और विधानसभा अध्यक्ष चरणदासस महंत सहित 22 विधायकों को फिर से उम्मीदवार बनाया है। उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को अंबिकापुर से टिकट दिया गया है।

पार्टी ने 30 में से 14 सीट पर एसटी और तीन सीट पर एससी को टिकट दिया है। पहली सूची में सिर्फ तीन महिलाओं को हिस्सेदारी मिली है। पार्टी ने बघेल सरकार में शामिल मंत्री गुरु रुद्रकुमार की सीट बदल दी है। उन्हें इस बार अहिवारा की जगह नवागढ़ सीट से मैदान में उतारा है। राज्य में छह नए चेहरों को भी मौका दिया गया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रदेश की अगली सूची में कुछ और विधायकों के टिकट कट सकते हैं।
तेलंगाना में कांग्रेस ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी को कोंडगल और विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क को मधीरा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, संतनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की पत्नी कोटा नीलिमा को उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस ने भाजपा की तरह कुछ सीटों पर सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतारा है। पार्टी ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व सांसद दीपक बैज को चित्रकोट विधानसभा सीट से टिकट दिया है। इसी तरह तेलंगाना में पार्टी ने सांसद उत्तम कुमार रेड्डी को हुजूर नगर सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्षों को चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। मध्य प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ, छत्तीसगढ़ में दीपक बैज और तेलंगाना में ए. रेवंत रेड्डी को टिकट दिया गया है। ऐसे में राजस्थान और मिजोरम के प्रदेश अध्यक्षों का टिकट भी तय माना जा रहा है।
इन तीन राज्यों में अभी पार्टी को 210 सीट पर अपने उम्मीदवार और घोषित करने हैं। मध्य प्रदेश में 230 में 86 सीट बाकी हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में 90 में 60 सीट पर प्रत्याशी अभी घोषित किए जाने हैं। तेलंगाना में 119 में से 64 सीट पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जाना है।
राजस्थान में कांग्रेस रिवाज बदलने के लिए नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी में है। इसके साथ ही पार्टी पूर्व सांसदों को भी विधानसभा चुनाव में उतारने का मन बना रही है। इसके लिए कांग्रेस राज्य में कई विधायकों का टिकट काटने के पक्ष में है, मगर पार्टी को इन विधायकों की नाराजगी का भी डर है। ऐसे में उम्मीदवारों के ऐलान से पहले पार्टी टिकट कटने से पैदा होने वाले हालात से निपटने की तैयारी कर रही है।

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए 18 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, 18 अक्टूबर की रात या 19 अक्टूबर को ज्यादातर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी ज्यादातर सीट पर नए लोगों को मौका देने की तैयारी कर रही है। प्रदेश की सभी 200 सीट पर एक चरण में चुनाव हैं। नामांकन की अंतिम तिथि छह नवंबर है।

राजस्थान में कांग्रेस अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए हरसंभव उपाय करने में जुटी है। यही वजह है कि पार्टी बहुत संभल कर प्रत्याशियों का चयन करना चाहती है। इसके लिए प्रदेश चुनाव समिति ने हर जिले में सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की है। इसके अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने अलग से सर्वे कराया है। पार्टी अब सर्वे और फीडबैक के आधार पर टिकट बंटवारा करना चाहती है, ताकि विधानसभा चुनाव में जीत की संभावना वाले नेताओं को ही मैदान में उतारा जाए।

कांग्रेस रणनीतिकार मानते हैं कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ लोगों में कोई खास नाराजगी नहीं है। अगर, किसी विधायक के खिलाफ कोई शिकायत या नाराजगी है, तो फीडबैक और सर्वे के आधार पर फैसला कर टिकट दिया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी के जिन विधायकों का टिकट कट सकता है, उनकी नाराजगी से निपटने की तैयारी भी की जा रही है।

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