ईसाई धर्म के लोगों के लिए क्‍यों खास है गुड फ्राइडे? जानिए इससे जुड़ी ये खास बातें

नई दिल्ली (New Delhi)। ईसाई धर्म को क्रिश्‍चियन धर्म भी कहते हैं। इस धर्म के संस्थापक प्रभु ईसा मसीह को माना जाता है। ईसा मसीह (Jesus Christ) को जीसस और यीशु भी कहते हैं। उनके जीवन से जुड़े हैं 5 प्रमुख दिन- 1.क्रिसमस, 2. बपतिस्मा डे, 3. पाम संडे, 4. गुड फ्राइडे और 5. ईस्टर संडे। गुड फ्रायडे(Good Friday ) यानी शुभ शुक्रवार को बहुत ही पवित्र दिन माना जाता है। 7 अप्रैल 2023 को गुड फ्राइडे है, आओ जानते हैं कि इसे क्यों मनाते हैं?

गुड फ्राइडे क्यों है खास?
– यरुशलम में ही उनको दंडित करने का षड्यंत्र (conspiracy) रचा गया। उनके शिष्य जुदास ने उनके साथ विश्‍वासघात किया। अंतत: उन्हें विरोधियों ने पकड़कर क्रूस पर लटका दिया।

– ईसा मसीह ने क्रूस पर लटकते समय ईश्वर से प्रार्थना की, ‘हे प्रभु, क्रूस पर लटकाने वाले इन लोगों को क्षमा कर। वे नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं।’

– कहते हैं कि जब जीसस को क्रूस पर लटकाया गया था तब उनकी उम्र थी लगभग 33 वर्ष। शुक्रवार को उन्हें सूली दी गई थी इसलिए इसे ‘गुड फ्रायडे’ कहते हैं।

– कहते हैं कि ईसा मसीह सूली पर 6 घंटे लटके रहे और आखिरी के 3 घंटे के दौरान संपूर्ण राज्य में अंधेरा हो गया था।

– प्रभु यीशु ने मानव सेवा प्रारंभ करने से पूर्व 40 दिन व्रत किया था इसीलिए गुड फ्राइडे के 40 दिन पहले से ही क्रिश्‍चियन (Christian) लोग उपवास शुरू कर देते हैं।

– लोग आज के दिन दोपहर को चर्च में एकत्रित होकर लगभग 3 बजे प्रार्थना करते हैं। इन दिनों चर्चों में विशेष आयोजन होते हैं।

– चर्च में गुड फ्रायडे के दिन बाइबल का पाठ, प्रवचन और मीसा का आयोजन भी किया जाता है। साथ ही एक विशेष आयोजन के साथ शाम को विशेष चल समारोह निकाला जाता है।

– गुड फ्राइडे की प्रार्थना दोपहर 12 से 3 के मध्य इसलिए की जाती है क्योंकि इसी दौरान यीशु को क्रॉस पर चढ़ाया गया था।

– गुड फ्राइडे के दिन ईसा के अंतिम 7 वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है, जो क्षमा, मेल-मिलाप, सहायता और त्याग पर केंद्रित होती है।

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