चौड़ीकरण तो हुआ लेकिन मंदिर मस्जिद नहीं हटे

  • देवासगेट से महाकाल एवं अंकपात मार्ग के चौड़ीकरण के मार्ग में आज भी बाधा बन रहे है धर्म स्थल-इस धर्मांधता से कब तक रूकेगा

उज्जैन। वर्षों पहले देवासगेट से महाकाल मार्ग चौड़ीकरण किया गया था और इसी प्रकार अंकपात मार्ग को भी चौड़ा किया गया था लेकिन डरपोक प्रशासन ने उस समय न तो धर्मस्थानों को हटाया और न ही ऐसी कोई योजना बनाई जिससे भविष्य में मंदिर मस्जिद यातायात में बाधा न बने। आज सड़क पर ही यह धर्मस्थान यातायात में बाधा बने हुए हैं। अंकपात मार्ग की बात करे तो नगर निगम बोर्ड ने इसका चौड़ीकरण किया था और आज भी इस पूरे मार्ग पर यातायात ठीक दिखाई नहीं देता। लोगों के मकान दुकान तोड़े गए लेकिन पटेल नगर क्षेत्र में धर्मस्थलों को हटाया नहीं गया और इसके आगे पीपल बड़ का ओटला है उसे भी छोड़ दिया गया।

एक अन्य धर्मस्थान भी यहाँ पर स्थित है। इसी प्रकार 2004 के सिंहस्थ में ही देवासगेट से महाकाल मार्ग को चौड़ा करने केलिए काम हुआ था लेकिन आज यह सबसे बेकार मार्ग है, क्योंकि जितना मार्ग चौड़ा किया गया उतनी ही दुकानदारों ने सामग्री आगे रख ली और बची हुई कसर ठेले वालों ने पूरी कर दी। यातायात पुलिस का कोई जवान यहाँ पर ट्रेफिक कंट्रोल के लिए नहीं है। उस समय भी अधिकारियों ने धर्मस्थानों केा हटाने के लिए कोई इच्छाशक्ति नहीं जताई और परिणाम में आज मालीपुरा में मंदिर है, वहीं देवासगेट पर भी एक मंदिर है तो तोपखाना क्षेत्र में मस्जिदें हैं और यह सब यातायात में रूकावट बने हुए हैं। इसके अलावा इस मार्ग पर इतना अधिक अतिक्रमण है कि समझ में नहीं आता कि शहर का ट्रेफिक कैसे व्यवस्थित है। पिछले दिनों दौलतगंज क्षेत्र की सब्जी मंडी हटाई गई थी और सड़क पर सब्जी बेचने वालों को हटाया गया था लेकिन फिर पुरानी स्थिति बन गई है।

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