7 दिसंबर से पुराने भवन में ही शुरू हो सकता है संसद का शीतकालीन सत्र

नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) 7 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चल सकता है। शीर्ष सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बार का विंटर सेशन पुराने संसद भवन (old parliament house) में ही आयोजित होगा. तारीखों के बारे में अंतिम फैसला संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Parliamentary Affairs) करेगी। शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरु होता रहा है. सत्र के दौरान करीब 20 बैठकें होती हैं. हालांकि, 2017 और 2018 में भी विंटर सेशन का आयोजन दिसंबर में किया गया था।

करीब 1200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार हो रहे नए संसद भवन का इस महीने के अंत या दिसंबर की शुरुआत में प्रतीकात्मक उद्घाटन किया जा सकता है. हाल ही में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने नए संसद भवन के निर्माण कार्यों का जायजा लेने के बाद कहा था कि परियोजना पर काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है. फिनिशिंग टच दिया जा रहा है. सरकार को तय करना है कि इसका उद्घाटन कब किया जाए. इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि नया संसद भवन नवंबर तक बनकर तैयार होगा और शीतकालीन सत्र इसी में होगा।

लेकिन, शीतकालीन सत्र के पुराने भवन में ही आयोजित होने की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2020 में नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी. इसका निर्माण कार्य टाटा प्रोजक्ट्स लिमिटेड कर रहा है. यह नया भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है. आपको बता दें कि गुजरात विधानसभा के चुनाव 1 और 5 दिसंबर को प्रस्तावित हैं. जबकि गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। सरकार का लक्ष्य शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले नए भवन का निर्माण पूरा करने का था, लेकिन कुछ निर्माण कार्य निर्धारित समय से आगे बढ़ सकते हैं।

नए संसद भवन के पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाने के बाद भी, कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए करीब 15-20 दिनों की आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि अब ऐसा लग रहा था कि अगले साल का बजट सत्र नए भवन में हो सकता है और शीतकालीन सत्र के पुराने भवन में ही आयोजित करने की व्यवस्था शुरू हो चुकी है. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने पहले कहा था कि केंद्र पुराने पड़ गए 1500 से अधिक कानूनों को आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान निरस्त करेगा।

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