महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को दी थी ‘सरदार’ की उपाधि


नई दिल्ली । भारत (India) के पहले गृह मंत्री (First Home Minister) सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) को सरदार (‘Sardar’) की उपाधि (Title) महिलाओं (Women) ने दी थी (Gave) , जब उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह (Bardoli Satyagraha) का सफल नेतृत्व किया था।

दरअसल तत्कालीन प्रांतीय सरकार ने किसानों द्वारा दिए जाने वाले कर में करीब 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। यह निर्णय एम एस जयकर नाम के एक अधिकारी की सिफारिश पर लिया गया था, जिसने कहा था कि ताप्ती नदी के किनारे रेलवे लाइन आने के बाद किसानों की आय में वृद्धि हुई और वहां के किसान समृद्ध हो रहे हैं। किसानों के पक्के मकान बन रहे हैं और उनकी बैलगाड़ियों में भी वृद्धि हो रही है, जबकि हकीकत इससे काफी उलट थी। बारदोली के किसानों ने कर देने से साफ़ मना कर दिया। इस दौरान वहां के किसानों ने आंदोलन कर सरकार से इसको वापस लेने की मांग की, लेकिन सरकार ने इससे साफ़ मना कर दिया। अपनी मांग पर सुनवाई नहीं होने से नाराज किसानों ने सरदार पटेल के पास जाने का फैसला किया।

सरदार पटेल ने पहले भी खेड़ा और बोरसाद के आंदोलन का सफल नेतृत्व किया था। किसानों के साथ बैठक में सरदार पटेल ने किसानों को जमकर लड़ने के लिए कहा। इसके बाद बढाई गई क़िस्त देने की तारीख से एक दिन पहले उन्होंने किसानों के सम्मेलन में उनका नेतृत्व करना स्वीकार किया। इसके बाद सरदार पटेल ने राज्यपाल को कर वापस लेने को लेकर पत्र लिखा, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।इस दौरान किसानों ने अग्रेजों का किसी भी तरह का सहयोग करने का बहिष्कार कर दिया। बारदोली में चल रहे आंदोलन के दौरान जब अधिकारी ट्रेन से उतरते थे तो उन्हें अपने गंतव्य तक जाने के लिए कोई साधन नहीं मिलता था। लोग बैलगाड़ी तक देने से मना कर देते थे। सरकार के कानून के अनुसार कर नहीं देने वालों के संपत्ति को जब्त कर लिया जाता था और गिरफ्तारी भी होती थी, लेकिन इसमें एक प्रावधान भी किया गया था, जिसके अनुसार अंधेरा होने के बाद किसी भी तरह की गिरफ्तारियां या संपत्ति की कुर्की नहीं होती थी।

इन्हीं कारणों से सरदार पटेल शाम पांच बजे के बाद गांव गांव घूमते और लोगों को सजग करते। जैसे जैसे दिन बीतते गए किसानों ने सरदार पटेल के नेतृत्व में आंदोलन तेज कर दिया। आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा। इस आंदोलन की सफलता के बाद ही वहां की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की।

Leave a Comment