मंदिर समिति को मिला यात्री निवास आखिर खाली क्यों पड़ा रहता है

  • जेके सीमेंट द्वारा भव्य यात्री गृह बनाकर किया गया था समर्पित-श्रद्धालुओं को नहीं है जानकारी

उज्जैन। शहर में हर दिन श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ होती है कि उज्जैन की होटलों में यात्रियों को ठहरने के लिए रूम उपलब्ध नहीं हो पाते हैं और होटल वाले भी मनमानना किराया वसूलते हैं लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि वर्तमान में मंदिर प्रबंध समिति के पास भी एक यात्री गृह है जहां कर्मचारियों की ड्यूटी तो है लेकिन वह खाली पड़ा रहता है।


उज्जैन में महाकाल लोक निर्माण के बाद देशभर के श्रद्धालुओं की संख्या उज्जैन में अधिक हो गई है। स्वयं मंदिर प्रबंध समिति बताती है की श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे के कारण मंदिर की आय तीन गुना बढ़ गई है, लेकिन उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं को सबसे बड़ी परेशानी होती है। यहां होटल में रूम मिलना और रुकने के लिए मंदिर के चारों और चल रहे निर्माण के चलते मंदिर प्रबंध समिति की धर्मशाला और यात्री गृह कुछ बन रहे हैं और कुछ बनाने की तैयारी है, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित एक यात्री गृह भी है जो उज्जैन में कितने भी श्रद्धालुओं की भीड़ हो लेकिन वह खाली ही पड़ा रहता है। ऐसा नहीं कि इस यात्री गृह को शुरू नहीं किया गया है, मंदिर प्रबंध समिति द्वारा इसके संचालन के लिए कर्मचारियों को नियुक्त भी किया गया है।श्रद्धालुओं को कमरे देने के लिए बुकिंग व्यवस्था भी की गई लेकिन यहां श्रद्धालु नहीं पहुंच पाते हैं। यात्री गृह में मौजूद कर्मचारी बताते हैं कि यह हमेशा खाली ही रहता है। इसे यात्री गृह को जेके सीमेंट लिमिटेड कानपुर द्वारा प्रबंध निदेशक स्वर्गीय यदुपति सिंघानिया की पुण्य स्मृति में निर्माण करवाकर महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को समर्पित किया गया था। इस यात्री गृह का निर्माण महाकाल लोक के सामने पार्किंग स्थल के पीछे करवाया गया था। यात्री गृह में बेहद सुंदर लॉउंज, एसी रूम, डायनिंग हॉल और रिसेप्शन का निर्माण कराया गया था लेकिन बुकिंग शुरू होने के बाद भी यह यात्री गृह आज भी श्रद्धालुओं का इंतजार कर रहा है।

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