नाबालिग से शादी कर दुष्कर्म करने पर युवक को दस वर्ष की सजा

रतलाम। पाक्सो एक्ट (POCSO ACT) के विशेष न्यायालय (special court) ने साढ़े सत्रह वर्षीय किशोरी से शादी कर दुष्कर्म करने के अभियुक्त 28 वर्षीय अशोक पुत्र बालाराम निवासी ग्राम ओरड़ी थाना भाटपचलाना (Ujjain) को पाक्सो एक्ट की धारा 5/6 में दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उस पर तीन हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। फैसला विशेष न्यायाधीश योगेंद्रकुमार त्यागी ने सुनाया।

अभियोजन के अनुसार पांच जुलाई 2017 को किशोरी लापता हो गई थी। खोजबीन के बाद भी नहीं मिलने पर उसके भाई ने बिलपांक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी बहन को अशोक बहला-फुसलाकर ले गया था। जांच में पता चला कि किशोरी अभियुक्त अशोक के साथ उज्जैन जिले के ग्राम क्षिप्रा में है। स्वजन व पुलिस वहां पहुंची और अशोक के कब्जे से किशोरी को थाने लाकर उसके बयान लिए। किशोरी ने बताया कि अशोक उसे बाइक पर बैठाकर पीथमपुर ले गया था। वहां से वह उसे बस से ग्राम क्षिप्रा ले गया और किराये के मकान में रखा। छह जुलाई को उसने क्षिप्रा के शिव मंदिर में फूलमाला पहनाकर शादी की। सात जुलाई 2016 को अशोक ने कहा कि वह उसे पत्नी बनाकर रखेगा और उससे शारीरिक संबंध बनाकर दुष्कर्म किया था। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी विशेष लोक अभियोजक गौतम परमार ने की।


सभी सजाएं साथ चलेंगी

न्यायालय ने अशोक को भादंवि की धारा 366 में पांच वर्ष के सश्रम कारावास व 500 रुपये का जुर्माना तथा धारा 363 भादवि में तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा व 500 सौ रुपये का जुर्माना से भी दंडित किया। विशेष लोक अभियोजक परमार ने बताया कि सभी सजाएं साथ चलेंगी।

 

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