
इंदौर। वर्तमान में प्राधिकरण टीपीएस-9 के दावे-आपत्तियों की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। 650 एकड़ की इस योजना को कुछ समय पूर्व ही शासन ने मंजूरी दी। बायपास की इस चर्चित योजना के साथ ही आरई-2 का विवाद भी जुड़ा है, जिसको लेकर कल भोपाल में मीटिंग भी हुई, जिसमें तय किया गया कि टीपीएस-9 के साथ छेडख़ानी किए बिना 6 किसानों की जो जमीन लेना है उसके लिए अलग से योजना प्रस्तावित की जाए।
आरई-2 का निर्माण शुरू से ही विवादित रहा है। नगर तथा ग्राम निवेश ने एक बहुमंजिला इमारत के साथ-साथ कुछ अन्य अभिन्यास भी मंजूर किए, जिसके चलते रोड का एलाइनमेंट बदलना पड़ा। निगम और प्राधिकरण द्वारा आरई-2 का निर्माण करवाया जा रहा है। कल भी भूरी टेकरी से नायतामूंडला के बीच बन रही सडक़ के विरोध में रहवासियों ने कलेक्टर कार्यालय जाकर जनसुनवाई में विरोध प्रदर्शन भी किया। दूसरी तरफ प्राधिकरण का कहना है कि 1400 मीटर का हिस्सा बन चुका है और 300 मीटर का ही बचा है, जिसमें .3 हेक्टेयर जमीन 6 किसानों की आ रही है, जिसके चलते यह तय किया जा रहा है कि टीपीएस-9 के समानांतर एक नई योजना टीपीएस-9 (ए) या अन्य नाम से घोषित कर दी जाए, ताकि आरई-2 के शेष बचे हिस्से के लिए जमीन अधिग्रहित करने में आसानी रहेगी और जमीन मालिक को किसी अन्य योजना में 50 फीसदी जमीन वापस लौटाई जा सकेगी।
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