
इंदौर, राजेश ज्वेल। अभी तमाम प्रोजेक्टों के लिए जो भू-अर्जन शासन-प्रशासन द्वारा करवाया जा रहा है उसको लेकर उज्जैन, इंदौर सहित प्रदेशभर के किसानों द्वारा लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं। अभी नवागत कलेक्टर के कार्यभार ग्रहण करने वाले दिन ही ग्रीन फील्ड कॉरिडोर के प्रभावित किसानों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया था, तो दूसरी तरफ अपने तबादले से पहले तत्कालीन कलेक्टर आशीष सिंह ने प्राधिकरण सीईओ को पत्र लिखते हुए तीन नई प्रस्तावित योजनाओं पर अभी 6 महीने अमल ना करने को कहा है।
प्राधिकरण बोर्ड ने अभी पिछले दिनों ही तीन नई टीपीएस योजनाओं 11, 12 और 13 को लागू करने का निर्णय लिया था, जिसमें आवासीय, थोक वाणिज्यिक मंडी और मार्ग के लिए ये नई तीन योजनाएं घोषित की गई, जिसमें छोटे आवासीय भू-खंड भई उपलब्ध कराए जाते। टीपीएस-11 में नावदा पंथ की जमीनें शामिल की जा रही है, तो टीपीएस-12 में निहालपुरमुंडी और टीपीएस-13 में कनाडिय़ा की जमीनें ली जाना है। बोर्ड निर्णय के आधार पर नगर तथा ग्राम निवेश को पत्र भेजकर अभिन्यास मंजूरी पर भी रोक लगाई जा रही थी। मगर तत्कालीन कलेक्टर आशीष सिंह ने प्राधिकरण सीईओ को लिखे पत्र में कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि इंदौर जिले में पहले से ही वेस्टर्न रिंग रोड, महू, रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है और उसके साथ ही इकोनॉमिक कॉरिडोर, स्टर्न रिंग रोड के साथ इंदौर-उज्जैन ग्रीन फिल्ड कॉरिडोर के लिए भी भू-अर्जन होना है। लिहाजा इन तमाम प्रोजेक्टों के लिए भू-अर्जन की कार्रवाई प्रचलित होने के चलते आगामी 5 से 6 महीने तक इंदौर विकास प्राधिकरण किसी भी नई योजना पर कार्य प्रारंभ ना करे, ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित ना हो। कलेक्टर के इस पत्र के संबंध में जब सीईओ आरपी अहिरवार से पूछा गया तो उन्होंने पत्र की पुष्टि करते हुए कहा कि फिलहाल प्राधिकरण इन तीनों योजनाओं पर अमल टालेगा।
बोर्ड निर्णय के बाद अभिन्यास मंजूरी पर रोक की भी थी तैयारी
प्राधिकरण बोर्ड की पिछली बैठक में इन तीनों नई टीपीएस योजनाओं को लागू करे का निर्णय लिया गया और प्लानिंग शाखा द्वारा इसमें शामिल की जाने वाली जमीनों की बाउण्ड्री भी तय की जा रही थी और उसके साथ ही अभिन्यास मंजूरी के लिए नगर तथा ग्राम निवेश के लिए पत्र भी लिखा जाता। हालांकि संयुक्त संचालक सुशोभन बनर्जी का कहना है कि फिलहाल ऐसा पत्र उनके देखने में नहीं आया है।
उज्जैन-इंदौर सहित प्रदेश के सभी प्रोजेक्टों का विरोध
उज्जैन में सिंहस्थ के लिए अधिग्रहित की जा रही हजारों एकड़ जमीन को लेकर भारतीय किसान संघ ने विरोध किया है, जिसे संघ का समर्थन प्राप्त है, जिसे लेकर दिल्ली तक हल्ला मचा भी है। दूसरी तरफ इंदौर के नए बायपास से लेकर अन्य प्रोजेक्टों के लिए भी किसानों द्वारा लगातार भू-अर्जन का विरोध किया जा रहा है।
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