
नई दिल्ली: बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने पूर्व PM शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है. हसीना फिलहाल दिल्ली में है. अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की वापसी के लिए 3 अलग-अलग मोर्चों पर काम करना शुरू कर दिया है.
फैसले के बाद बांग्लादेश के कानूनी सलाहकार प्रोफेसर आसिफ नज़रुल ने कहा कि वह हसीना के प्रत्यर्पण के लिए फिर से भारत को लेटर लिखेंगे. उनके बयान के थोड़ी ही देर बाद ही बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत को लेटर लिखा. इसमें फैसले को आधार बनाकर शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग की गई है.
नज़रुल ने कहा कि अगर भारत इस सामूहिक हत्यारे को पनाह देना जारी रखता है, तो भारत को यह समझना होगा कि यह बांग्लादेश और बांग्लादेश के लोगों के विरुद्ध एक शत्रुतापूर्ण, अत्यंत निंदनीय व्यवहार है. प्रोफेसर नज़रुल जाने-माने कानूनविद, लेखक और ढाका के प्रोफेसर हैं, जिन्हें अगस्त 2024 में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्रालय के सलाहकार नियुक्त किया गया था.
इंटरपोल एक अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन है, जिसका मकसद 194 सदस्य देशों के बीच अपराधियों की जानकारी और गिरफ्तारी के लिए सहयोग करना है. बांग्लादेश अगर शेख हसीना को इंटरपोल के जरिए गिरफ्तार करना चाहता है, तो वह रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया अपनाएगा. रेड कॉर्नर नोटिस किसी व्यक्ति की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिरफ्तारी की सूचना होती है, जिसे सदस्य देशों के पुलिस के पास भेजा जाता है.
हालांकि, भारत में किसी को गिरफ्तार करने के लिए भारतीय कानून और संविधान की प्रक्रिया का पालन करना जरूरी होता है. भारत सरकार यह निर्णय करेगी कि क्या शेख हसीना को गिरफ्तार किया जाए और बांग्लादेश को प्रत्यर्पित किया जाए या नहीं. इस प्रक्रिया में न्यायिक अनुमति भी जरूरी होती है. उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बिना भारत इंटरपोल के अनुरोध पर किसी को सीधे गिरफ्तार नहीं कर सकता.
नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल अगले हफ्ते अपने बांग्लादेशी समकक्ष खलीलुर रहमान को दिल्ली में होस्ट करेंगे दोनों पड़ोसी देशों के बीच वर्तमान तनाव के बीच यह मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है. रहमान भारत में कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव में बांग्लादेशी डेलिगेशन का नेतृत्व करेंगे. यह कॉन्क्लेव 1920 नवंबर को आयोजित होगा.
रहमान का यह दौरा भारत और बांग्लादेश के बीच क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने और सिक्योरिटी डायलॉग को बनाए रखने की दिशा में अहम है. इस दौरे पर रहमान NSA डोभाल के सामने हसीना के प्रत्यर्पण का भी मुद्दा उठा सकते हैं
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