
जबलपुर । जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने शुक्रवार को अहम फैसला (Decision) सुनाया.कोर्ट ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर फैसला सुनाते हुए दो बालिग लड़कियों (girls) को साथ रहने की इजाजत दे दी. इनमें से एक के पिता ने ये याचिका दायर की थी. कोर्ट ने कहा लड़की बालिग है वो अपने फैसले खुद ले सकती है. कोर्ट के आदेश के बाद दोनों लड़कियों को साथ रहने की इजाजत मिल गयी.
जबलपुर के खमरिया इलाके में रहने वाली दो बच्चियां बचपन से सहेली थीं. दोनों बचपन से साथ पढ़ीं और बड़ी हुईं. दोनों एक-दूसरे के सुख-दुख की साथी बन गयीं. समय के साथ भावनात्मक रूप से दोनों में इतना लगाव हो गया कि अब ये अलग रहने को तैयार नहीं हैं. वर्तमान में एक युवती की उम्र 18, तो दूसरी की 22 साल है. जब परिवार को पता चला, तो दोनों घर से भाग गयीं और थाने से होते हुए कोर्ट तक पहुंच गया.
पिता ने चाही थी कस्टडी
18 साल की युवती के पिता ने बेटी की कस्टडी के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. बेटी की कस्टडी पाने के लिए 14 अक्टूबर को युवती के पिता ने हाईकोर्ट का रुख किया. उन्होंने कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की. कोर्ट को बताया कि बेटी को महिला मित्र के बजाय घर पर रहने के लिए मनाने की कोशिश की. लेकिन वह नहीं मानी. याचिका को हाईकोर्ट ने मंजूर कर युवती को हाजिर होने का नोटिस जारी किया. युवती हाईकोर्ट के सामने हाजिर हुई. हाईकोर्ट ने युवती को फैसला लेने के लिए 1 घण्टे का वक्त दिया. लेकिन उसके बाद भी युवती ने अपनी दोस्त के साथ ही रहने की ही अपील की.
साथ चली गयीं दोनों सहेली
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि लड़की बालिग है. अपनी जिंदगी के फैसले खुद ले सकती है. लिहाजा न्यायालय के आदेश पर 18 साल की किशोरी को अपनी 22 साल की महिला मित्र के साथ जाने दिया गया.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved