नई दिल्ली (New Delhi) । दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की गिरफ्तारी के एक सप्ताह बाद विपक्ष की आठ पार्टियों (opposition parties) की तरफ से प्रधानमंत्री (Prime Minister) को पत्र लिखा गया और कहा गया कि केंद्रीय एजेंसियों का कथित दुरुपयोग बंद होना चाहिए। इस पत्र में यह भी कहा गया कि विपक्ष के खिलाफ केंद्र की एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। पत्र लिखने वालों में आम आदमी पार्टी के हेड और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा तेलंगाना (Telangana) के सीएम के चंद्रशेखर राव (CM K Chandrasekhar Rao) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल थीं। गौर करने वाली बात यह भी है कि नीतीश कुमार की जेडीयू और एमके स्टालिन की डीएमके इसका हिस्सा नहीं थी।
किन पार्टियों ने लिखा पत्र
चिट्ठी लिखने वाले नेतां में आप के भगवंत मान, आरजेडी के तेजस्वी यादव, जेकेएनसी के फारूक अब्दुल्ला, एनसीपी के शरद पवार, शिवसेना यूबीटी के उद्धव ठाकरे और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव शामिल थे। इस पत्र में कहा गया कि बिना सबूत साझा किए ही मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार र लिया गया है। उनपर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और उनका कोई आधार नहीं है। सिसोदिया को शिक्षा में बड़े योगदान के लिए जाना जाता है इसलिए गिरफ्तारी के खिलाफ देश में रोष है। इससे पता चलता है कि भाजपा के शासन में देश के लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में पड़ गए हैं।
पत्र के पीछे किसका सबसे बड़ा हाथ
8 पार्टियों के हस्ताक्षर वाला पत्र प्रधानमंत्री को भेजा गया। वहीं आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पार्टी को लताड़ा और कहा कि वह अपने ही मुद्दों पर स्टैंड नहीं लेती है। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, अगर आप इतिहास देखें तो कांग्रेस कभी भी विपक्ष के लिए खड़ी नहीं हुई। कांग्रेस गायब है। आज भी वह गायब हो गई। उन्होंने कहा, पूरी दुनिया जानती है कि सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है। कांग्रेस खुद को बड़ा भाई मानती है और चाहती है कि गठबंधन किया जाए लेकिन इस समय राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी कहां हैं।
वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति के चीफ के चंद्रशेखर राव से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस पत्र के पीछे केसीआर का ही हाथ है। वह प्रधानमंत्री की आलोचना करने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास में भी लगे हैं। इस पत्र में कहा गया है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी का कारण बताया जाए। पत्र में कहा गया है कि 2014 के बाद ज्यादातर जिन नेताओं की जांच और गिरफ्तारी की गई है वे विपक्ष से ही आते हैं। वहीं जो लोग भाजपा में शामिल हो जाते हैं उनके पीछ एजेंसियां नहीं पड़तीं।
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