
नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक के बाद जीएसटी की दरों में बदलाव की घोषणा की. अब सिर्फ 5 और 18 प्रतिशत की दर से ही ज्यादातर समानों पर जीएसटी लगेगा. ये बदली हुई दरें 22 सितंबर से देशभर में लागू होंगी. यानी बिहार (Bihar) विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की घोषणा से ठीक कुछ दिन पहले ही ये फैसला लागू हो जाएगा. अब पार्टी जीएसटी रिफॉर्म को भी बिहार चुनाव में भुनाने की तैयारी में लग गई है. इस बदलाव के बाद पार्टी का फोकस खास तौर पर बिहार चुनाव में मध्यम वर्ग, महिलाओं और किसान को साधने में है.
जीएसटी रिफॉर्म के बाद सस्ते होने वाले सामानों की लिस्ट को देखा जाए तो इसका सीधा कनेक्शन आम आदमी और गरीब तबके से जुड़ता है. हेल्थ इंश्योरेंस और खाने के कई समाना को टैक्स फ्री किया जाना एक बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है. इसके अलावा खाने पीने की तमाम चीजों पर टैक्स कम किया गया है. वहीं घर बनाने वाले कुछ मैटेरियल की कीमत में भी इस रिफॉर्म के बाद गिरावट आने की संभावना है.
ऐसे में बीजेपी अब बिहार विधानसभा चुनावों में जीएसटी रिफॉर्म्स को भुनाने में जुट गई है. पार्टी ने इसके लिए एक ओर सोशल मीडिया पर अभियान की शुरुआत कर दी है तो वहीं दूसरी ओर तमाम बड़े नेताओं को मीडिया से लेकर अपनी सभाओं में रिफॉर्म्स को लेकर प्रचार करने को कहा गया है.
बिहार में बीजेपी सहित NDA के सभी बड़े नेता लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. सभी नेताओं को ये निर्देश दिया गया है कि अपनी रैलियों और सभी कार्यक्रमों में जीएसटी रिफॉर्म्स का ज्यादा से ज्यादा जिक्र करें. किस तरह से इससे मध्यम वर्ग, महिलाओं और किसानों की फायदा मिलेगा, इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जनता को बताएं. जिस से ये सभी वर्ग पार्टी के साथ फिर से जुड़ सकें. बिहार में चल रहे एनडीए सम्मेलनों में भी इसका जिक्र करते हुए नेता दिखाई देंगे. इसके साथ-साथ बीजेपी जीएसटी रिफॉर्म्स को लेकर राज्य में सेमिनार, गोष्ठियां और कई अन्य तरह के कार्यक्रम करने की योजना भी बना रही है, जिससे ज्यादा से ज्यादा जनता तक इसकी जानकारी पहुंचाई जाए और चुनावों में इसका लाभ भी पार्टी को मिल सके.
देशभर के पार्टी के सभी बड़े नेता और मुख्यमंत्री लगातार मीडिया बाइट्स और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने में लगे हुए हैं. इस फैसले के अगले दिन ही पार्टी के तमाम बड़े नेताओं के बयानों में भी इसकी झलक देखने को मिली है. दरअसल, केंद्रीय नेतृत्व के ओर से स्पष्ट तौर पर इसके निर्देश दिए गए हैं कि इन रिफॉर्म्स का जिक्र कर लोगों तक हर जानकारी को पहुंचाया जाए, जिसका लाभ पार्टी को मिल सके. इसका असर आगामी दिनों में देखने को मिलेगा. पीएम मोदी समेत कई नेताओं के रैलियों में इसका जिक्र खुलकर किया जाएगा. खुद प्रधानमंत्री भी आगामी 17 सितंबर को होने वाली रैली में इसका जिक्र कर सकते हैं.
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