
नई दिल्ली। आयकर की ऑडिट रिपोर्ट (Income Tax Audit Report) दाखिल करने वाले करदाताओं के लिए राहत भरी खबर है। Central Board of Direct Taxes ने ऑधिकारिक तौर पर कर रिपोर्ट दाखिल करने की आखिरी तारीख को एक महीने के लिए आगे बढ़ा दिया है। दरअसल, बाढ़, भूस्खलन, तकनीकी गड़बड़ियां और अनुपालन चुनौतियां के कारण बहुत सारे टैक्सपेयर्स (Taxpayers) अभी तक अपनी ऑडिट रिपोर्ट नहीं दाखिल कर पाए थे, ऐसे वे इसकी अंतिम तारीख में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए आयकर विभाग ने लिखा, ‘केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अधिनियम की धारा 139 की उप-धारा (1) के स्पष्टीकरण 2 के खंड (ए) में संदर्भित करदाताओं के लिए पिछले साल 2024-25 (एसेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए विभिन्न ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की तय तारीख को 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 करने का फैसला लिया है।’
हाई कोर्ट ने दिया था निर्देश
बता दें टैक्स की ऑडिट रिपोर्ट की लास्ट डेट में बढ़ोतरी के लिए भीलवाड़ा और जोधपुर टैक्स बार एसोसिएशन ने राजस्थान हाईकोर्ट में दो अलग-अलग याचिका दाखिल की थीं। इन दोनों याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच ने सीबीडीटी को 31 अक्टूबर 2025 तक अंतिम तिथि बढ़ाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद गुरुवार को तारीख में बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है।
ऑल इंडिया टैक्स प्रैक्टिशनर्स फेडरेशन ने सीबीडीटी से आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की तारीख को बढ़ाने मांग की थी। आयकर विभाग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर आईटीआर-5 और 7 फॉर्म ऑनलाइन दाखिल करने की सुविधा शुरू कर दी है। विभाग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर बताया है कि दोनों फॉर्म पहले से भरे हुए डेटा के साथ उपलब्ध हैं। ये दोनों ही फॉर्म विशेष श्रेणी के करदाताओं के लिए हैं।
हिंदू अविभाजित परिवारों या किसी व्यक्तियों के लिए नहीं हैं। इस बार जिन टैक्सपेयर्स को ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होती है, उनके लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर 2025 तय की गई है। वहीं, जिन पर टैक्स ऑडिट लागू नहीं होता, उनके लिए अंतिम तारीख 16 सितंबर 2025 थी, जो अब निकल चुकी है। अभी भी वे टैक्सपेयर्स जिनका ऑडिट जरूरी है, वे समय रहते अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
आईटीआर-5 और 7 फॉर्म कौन भरते हैं
दरअसल, आईटीआर-5 फॉर्म उन करदाताओं के लिए है जो न तो व्यक्तिगत करदाता हैं और न ही एचयूएफ में आते हैं। इस फॉर्म का इस्तेमाल कई तरह की संस्थाएं करती हैं, जिनमें फर्म, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप, एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स, बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स , आर्टिफिशियल ज्यूरिडिकल पर्सन्स, कोऑपरेटिव सोसाइटी और लोकल अथॉरिटी शामिल हैं। इन्हें पहले टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होगी और उसके बाद आईटीआर फाइल करना होता है।
वहीं, आईटीआर-7 फॉर्म खास कंपनियों और संस्थाओं के लिए है जिन्हें इनकम टैक्स कानून के अलग-अलग सेक्शनों के तहत रिटर्न भरना जरूरी है। इसमें मुख्य रूप से ट्रस्ट, धार्मिक या चैरिटेबल संस्थाएं, राजनीतिक दल, रिसर्च एसोसिएशन, यूनिवर्सिटी, कॉलेज और कुछ खास संस्थाएं शामिल हैं। इन संस्थाओं की आय पर कर की गणना सामान्य करदाताओं की तरह नहीं, बल्कि अलग तरीके से होती है, इसलिए इनके लिए अलग फॉर्म उपलब्ध कराया गया है।
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