
भोपाल। आंगनवाडिय़ों में बच्चों को पोषण आहार के रूप में अंडा वितरण को लेकर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री इमरती देवी अकेली पड़ गईं है। भाजपा ने इमरती के इस बयान से दूरी बना ली है। हालांकि इमरती अभी भी बच्चों में कुपोषण दूर करने को लेकर अंडा खिलाने पर अड़ी हुई हैं। इमरती के इस फैसले का जैन और ब्राह्मण समाज विरोध कर रहा है। मप्र भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री के स्तर पर अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है। पार्टी सत्तापक्ष या विपक्ष में रहते हुए अंडा खिलाए जाने के पक्ष में पहले भी नहीं रही है।
इमरती देवी ने कहा कि हम कुपोषण खत्म करना चाहते हैं, जिसे अंडा खाना हो खाएं और जिसे नहीं खाना हो, न खाएं। हम जबरदस्ती अंडा देने नहीं जा रहे हैं। इमरती ने कहा कि ‘यह तो सभी कहते हैं कि संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे। डॉक्टर भी कहते हैं कि अच्छी सेहत के लिए अंडा खाना अच्छा है। जो अंडा नहीं खाना चाहता है, उसे केला या कोई अन्य पौष्टिक आहार दिया जाएगा। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कि भाजपा का रवैया नहीं बदला मुख्यमंत्री के स्तर पर सरकार ने इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है। मंत्री स्वयं संगठन और सीएम से बात करने की बात कह रही हैं। भाजपा के स्तर पर इस मुद्दे पर अभी कोई बदलाव नहीं है।
मुख्यमंत्री नहीं देंगे अंडे की अनुमति
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आंगनवाडिय़ों में अंडा वितरण को लेकर व्यक्तिगत तौर पर विरोध कर चुके हैं। पक्ष और विपक्ष में रहते शिवराज ने इसका विरोध किया है। अपने पिछले कार्यकाल में उन्होंने सार्वजनिक ऐलान किया था कि मेरे मुख्यमंत्री रहते प्रदेश में अंडा नहीं बंटने दिया जाएगा।
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