
सिरसा । सिरसा से भाजपा प्रत्याशी (BJP candidate from Sirsa) रोहताश जांगड़ा (Rohtash Jangda) ने नाम वापस ले लिया (Withdrew his Name) । हरियाणा की राजनीति में सोमवार को उस समय नया मोड़ आ गया, जब सिरसा में भाजपा के प्रत्याशी रोहताश जांगड़ा ने निर्वाचन अधिकारी कार्यालय पहुंचकर नाम वापस ले लिया ।
स महत्वपूर्ण घटनाक्रम ने न केवल भाजपा के भीतर हलचल मचा दी है, बल्कि जांगड़ा के समर्थन में और खिलाफ भी प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि रोहिताश्व जांगड़ा ने यह कदम पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इशारे पर उठाया है। भाजपा के मैदान से हटने के बाद अब यहां हलोपा के प्रत्याशी गोपाल कांडा की स्थिति मजबूत हो गई है, क्योंकि अब यहां सीधी टक्कर होगी। कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक और प्रभावशाली नेता लक्ष्मण दास अरोड़ा के नाती गोकुल सेतिया को टिकट दिया है।
जांगड़ा के नामांकन वापस लेने से सुथार समाज में भी नाराजगी देखने को मिल रही है। इस समाज के कई लोग जांगड़ा को समर्थन दे रहे थे। लेकिन उनकी उम्मीदें अब धुल गई हैं। इस मुद्दे को लेकर समाज के भीतर विरोध प्रदर्शन और असंतोष की लहर भी उठ सकती है। इस घटनाक्रम ने सिरसा की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है, और आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस स्थिति को कैसे संभालती है और क्या नए उम्मीदवार की घोषणा के बाद पार्टी के भीतर की स्थिति सामान्य हो पाती है।
सिरसा सीट पर हालांकि गोपाल कांडा और इनेलो का गठबंधन है। इसलिए भाजपा को आशंका थी कि कहीं चुनाव जीतने के बाद सरकार गठन के समय कहीं गोपाल कांडा पाला बदलकर कांग्रेस की तरफ न चले जाएं। इसलिए भाजपा के पूर्व सीएम मनोहर लाल ने तुरुप का पत्ता चलते हुए अपने प्रत्याशी को मैदान से हटा लिया। उम्मीद की जा रही है कि ऐसे में भाजपा अपने करीब 10,000 वोट गोपाल कांडा को ट्रांसफर करवा सकती है। कांडा का यहां जानधार है, क्योंकि पिछला चुनाव वे 603 वोट से ही जीत पाए थे। इसलिए उनकी स्थिति काफी मजबूत हो गई है।
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