
भोपाल। राजधानी में जलसंकट दिन पर दिन गहराता जा रहा है। सोमवार को कई इलाकों में पानी नहीं पहुंचा। वहीं, जिन इलाकों में सप्लाई हुई, वहां पानी न तो पीने और न ही घरेलू उपयोग लायक था। कई जगह तो गंदे पानी में सांप के बच्चे और कीड़े तैरते मिलें। ऐसे में नगर निगम टैंकरों से पानी की सप्लाई कर रहा है। इधर, प्राइवेट टैंकर वालों ने रेट 5 गुना तक बढ़ा दिए हैं। जो टैंकर पहले 300 से 500 रुपए में मिल जाता था, उसके रेट अब 2000 से 2500 रुपए तक हो गए हैं। इधर, शहर में पानी की सप्लाई नहीं होने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी कोलसानी से रिपोर्ट तलब की है।
शहर के लगभग 60 प्रतिशत हिस्से में नई कोलार पाइप लाइन से पानी सप्लाई शुरू करने की नगर निगम की प्लानिंग फेल हो गई। प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह, सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की फटकार के बाद निगम ने रविवार रात में पानी की सप्लाई शुरू की, लेकिन 4 दिन से पानी का इंतजार कर रही 12 लाख आबादी के सामने दूसरी बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई। नलों ने साफ की जगह गंदा पानी उगला। ऐसे में यह किसी काम का नहीं था। उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमिश्नर कोलसानी को कहा कि भोपाल शहर में सुचारू पेयजल वितरण के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं तत्काल सुनिश्चित करें। पाइप लाइन से संबंधित स्वच्छता और सुधार कार्य पूरा होते ही स्वच्छ पेयजल प्रदाय किया जाए। साथ ही टैंकरों के माध्यम से कॉलोनियों में नागरिकों के लिए पेयजल प्रबंध और अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं की जानकारी मीडिया के माध्यम से आमजन को अवगत करवाएं। आमजन को पेयजल की दिक्कत नहीं होना चाहिए। सीएम चौहान ने की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को देने के निर्देश दिए। पिछले पांच दिन से लोग काम-धंधे छोड़कर पानी की जुगाड़ कर रहे हैं। उनके सब्र का बांध अब टूट गया है। सोमवार सुबह जब कोलार लाइन शुरू हुई तो उसके लीकेज के गड्?ढे से ही लोग पानी भरने लगे। यहां भी उन्हें गंदा पानी ही नसीब हुआ। दूसरी ओर निजी जलस्रोत जैसे ट्यूबवेल, कुओं के आसपास लोगों की भीड़ लगी रही। एक बॉल्टी पानी के लिए लोग इधर से उधर भटकते हुए नजर आए।
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