
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat digital mission) के तहत सभी चिकित्सा सुविधाओं (All medical facilities) और डॉक्टरों (Doctors) का डिजिटल पंजीकरण (Digital registration) शुरू किया (Launches) है।
राज्य सचिव और स्वास्थ्य मिशन के निदेशकों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी सभी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मिशन में भाग लेना अनिवार्य कर दिया है।
पत्र में कहा गया है, “तदनुसार, सभी स्वास्थ्य सुविधाएं जैसे अस्पताल, क्लीनिक, प्रयोगशालाएं, फार्मेसियां, रेडियोलॉजी केंद्र आदि, जहां कोई स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाती है, से अनुरोध किया जाता है कि वे डिजिटल मिशन के लिए पंजीकरण करें।”
स्वास्थ्य रिकॉर्ड मिशन के डिजिटलीकरण के तहत, सरकारी अस्पतालों को अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली सॉफ्टवेयर खरीदने की सलाह दी गई है। केंद्र ने अस्पतालों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के लिए दो समाधान भी उपलब्ध कराए हैं, जिसमें एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना केंद्र) द्वारा ई-अस्पताल और उन्नत कंप्यूटिंग के विकास के लिए केंद्र (सी-डैक) शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरूआत की थी। मिशन के तहत, प्रत्येक भारतीय को एक विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी मिलेगी जो एक स्वास्थ्य खाते के रूप में भी काम करेगी जिससे व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ा जा सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने 25 सितंबर को आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर आरोग्य मंथन 3.0 का उद्घाटन करते हुए कहा था, “प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने भारत की संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार किया है। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि इस योजना ने पिछले तीन वर्षों में 2.2 करोड़ से अधिक लोगों को दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सेवा की है।” राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) को इस पहल को लागू करने का काम सौंपा गया है।
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