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Oxygen Crisis पर केंद्र ने SC में दिया जवाब, कहा- 700 MT ऑक्सीजन की मांग सही नहीं

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत (Oxygen Crisis) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली की 700 मीट्रिक टन की मांग सही नहीं लगती।

‘दिल्ली की 700 मीट्रिक टन की मांग सही नहीं’
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘दिल्ली की 700 मीट्रिक टन की मांग सही नहीं लगती। इससे दूसरे राज्यों का नुकसान होगा।’ वहीं ऑक्सीजन सप्लाई की नोडल एजेंसी की अतिरिक्त सचिव सुमिता डावरा ने कहा, ‘पहले दिल्ली को जो 490 मीट्रिक टन दिया गया, उसका बड़ा हिस्सा काशीपुर से आया था। इससे उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी हो गई।’

‘अस्पतालों में 478 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की भंडार क्षमता’
स्वस्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त अपर सचिव सुमिता डावरा ने कहा, ‘एक हिस्सा 460 मीट्रिक टन के मौजूदा आवंटन किया जा रहा है। 140 मीट्रिक टन का संचालन 9 मई से किया जाएगा। कुल क्रायोजेनिक टैंकर के 53 फीसदी को दिल्ली सप्लाई के लिए ही लगाया गया है। 6 कंटेनर्स भी लगाए गए हैं। अगले कुछ दिनों में इनकी संख्या 24 हो जाएगी। इनमे भरे हुए और वापस प्लांट तक जाने वाले केंटेनर्स भी शामिल रहेंगे। 56 मुख्य अस्पतालों में 478 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की भंडार क्षमता है।’

शायद दिल्ली के सप्लाई सिस्टम में कुछ दिक्कत: SG
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘ऑक्सीजन ऑडिट की जरूरत है, क्योंकि सप्लाई हो रही है लेकिन लोगों तक नहीं पहुंच रही है। आपूर्ति को दिल्ली तक पहुंचने दें और दिल्ली के एक जिम्मेदार अधिकारी को इसका ब्यौरा देने को कहें।’ उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के अस्पतालों में कुल स्टोरेज की क्षमता 400 मीट्रिक टन के करीब है। हमें चिंता है कि हम दूसरे राज्यों का 300 मीट्रिक टन भी दिल्ली को दे दे रहे हैं। फिर भी यह दिल्ली के जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच रहा। शायद दिल्ली के सप्लाई सिस्टम में कुछ दिक्कत हो। इसे देखाना चाहिए।’

बेहतर तैयारी से तीसरी लहर से निपट सकेंगे: सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘घर पर इलाज करा रहे लोगों को भी ऑक्सीजन की जरूरत है, इसलिए ऑक्सीजन की जरूरत आंकने का फॉर्मूला गलत है। फिर भी यह सच है कि हमें पूरे देश के लिए सोचना है। आज अगर हम तैयारी करेंगे तो कोविड का तीसरा फेज आने पर उससे बेहतर निपट सकेंगे।’

बच्चों के टीकाकरण के लिए सोचा जाना चाहिए: कोर्ट
सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘चिंता की बात है कि वैज्ञानिक कोरोना वायरस की तीसरी लहर की बात कह रहे हैं और इसमें बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है। इसलिए टीकाकरण अभियान में बच्चों के लिए सोचा जाना चाहिए।

दिल्ली को हर रोज मिले 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन: SC
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को केंद्र से जवाब मांगा था और कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि दिल्ली को सोमवार तक 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जाए, उससे कम सप्लाई नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि आप प्लान बताइए कि 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई कहां से और किस तरह से सुनिश्चित होगी।

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