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CG: अंबुजा-अडानी प्रोजेक्ट का विरोध…. कलेक्ट्रेट के बाहर दो दिन से धरने पर बैठे ग्रामीण

November 09, 2025

रायगढ़। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायगढ़ जिले (Raigarh district) में स्थित धरमजयगढ़ क्षेत्र (Dharamjaigarh area) में अंबुजा-अडानी की प्रस्तावित परियोजना (Ambuja-Adani’s Proposed Project ) को लेकर विरोध की लहर थमने का नाम नहीं ले रही। लगातार 24 घंटे तक रायगढ़ कलेक्ट्रेट के बाहर खुले आसमान के नीचे धरना देने के बाद अब ग्रामीणों ने सीधा एलान कर दिया है कि वे पुरुंगा में किसी भी कीमत पर जनसुनवाई को नहीं होने देंगे।


बीते दो दिनों से महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की भारी भीड़ कलेक्ट्रेट परिसर (Collectorate Complex) के बाहर डटी रही लेकिन प्रशासन और ग्रामीणों के बीच किसी भी तरह की बातचीत का रास्ता नहीं निकल सका। इस दौरान स्थानीय विधायक उमेश पटेल और लालजीत राठिया भी पूरी रात धरनास्थल पर ग्रामीणों के साथ मौजूद रहे।

शुक्रवार सुबह ग्रामीण अपने गांव लौट तो गए लेकिन उन्होंने साफ चेतावनी दी कि धरमजयगढ़ की जमीन, जंगल और जलस्रोत की सुरक्षा के लिए जनसुनवाई को हर हाल में रोका जाएगा। महिलाओं ने आंदोलन के दौरान कहा,’हमारे गांव, हमारे जंगल और पहाड़ बचेंगे, तभी हमारे बच्चे बचेंगे-इसलिए हम यहां खड़े हैं।’

वहीं, विधायक उमेश पटेल और लालजीत राठिया ने ग्रामीणों के साथ खड़े रहते हुए प्रशासन पर ग्रामीणों की बात न सुनने का आरोप लगाया। लालजीत राठिया ने कहा- ‘दो दिन तक ग्रामीण भूखे-प्यासे बैठे रहे, लेकिन कलेक्टर मिलने तक नहीं आए। अब हम अपनी जमीन और जंगल बचाने गांव लौट रहे हैं, और जनसुनवाई को किसी भी कीमत पर होने नहीं देंगे।’

विधायकों के इस रुख से आंदोलन को और मजबूती मिल गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विरोध और तीखा हो सकता है। उधर अपर कलेक्टर और एसडीएम महेश शर्मा लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए थे। उन्होंने बताया- ‘ग्रामीणों ने 24 घंटे धरना देने के बाद गांव लौटने का फैसला लिया है, जिसका प्रशासन स्वागत करता है। जनसुनवाई का उद्देश्य ही लोगों की बात सुनना है, इसलिए सभी से अपील है कि वे अपनी बातें शांतिपूर्वक वहां रखें।’

इस विरोध को लेकर राज्य के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘भाजपा सरकार लगातार छत्तीसगढ़ की संपदा को अडानी पर लुटाने का काम कर रही है। क्षेत्रवासियों के भयंकर विरोध के बावजूद भाजपा सरकार ने धरमजयगढ़ की पुरंगा कोयला खदान अडानी समूह के स्वामित्व वाली अंबुजा सीमेंट को आवंटित कर दी है। लगभग 2150 एकड़ में फैला हुआ यह खदान क्षेत्र पेसा कानून के तहत संरक्षित क्षेत्र है, यहां की तीन ग्राम पंचायतों ने इस खदान के लिए 11 नवंबर को होने वाली जनसुनवाई के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित कर दिया है लेकिन आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार पेसा कानून को ठेंगा दिखाते हुए जनसुनवाई को लेकर अड़ी हुई है।’

अपनी पोस्ट में बघेल ने आगे लिखा, ‘आज एक बार फिर इस खदान से प्रभावित होने वाले क्षेत्रवासियों ने जनसुनवाई निरस्त करने की मांग लेकर रायगढ़ जिला मुख्यालय में अपना विरोध प्रदर्शन किया है। अडानी की इस खदान से पुरंगा, तेंदुमुडा, कोकधार और समरसिंघा गांव बुरी तरह से प्रभावित होंगे और क्षेत्र का इकोसिस्टम तबाह हो जाएगा। पेसा कानून को धता बताकर, जनसुनवाई का ढोंग रचकर छत्तीसगढ़ की संपदा को अपने मालिक अडानी को सौंपने का ये भाजपाई खेल अब नहीं चलेगा। पुरंगा क्षेत्र के इन ग्रामीणों की मांग का हम पूर्ण समर्थन करते हैं.’

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