
इंदौर। सिंधी समाज के पर्व चालिहा महोत्सव की शुरुआत 16 जुलाई से हो रही है। समाजजन 40 दिन अखंड ज्योति की पूजा-अर्चना करेंगे। इस दौरान भगवान झूलेलाल पूजा-अर्चना कर अच्छी बारिश की कामना की जाएगी और पौधारोपण का संकल्प भी लिया जाएगा। सिंधी समाज भगवान झूलेलाल का चालिहा उत्सव श्रद्धा एवं धूमधाम से 24 अगस्त तक मनाएगा। इन 40 दिनों में भगवान झूलेलाल के चालिहा उपवास रखने वाले कुछ अनुयायी शाकाहार एवं ब्रह्मचर्य का संकल्प लेते हैं एवं कुछ अनुयायी इसके साथ-साथ 40 दिन तक बाल नहीं कटाते हैं। बिस्तर के बजाय धरती या पटिए के आसन पर सोते हैं।
सिंधरक्षक संगठन के संयोजक नरेश फुंदवानी ने बताया कि चालिहा साहब में भगवान झूलेलाल के बहराणा साहब की ज्योति प्रज्ज्वलित कर भजन-कीर्तन, छेज (सिंधी नृत्य), डांडिया नृत्य, सुखो सेसा प्रसाद वितरण का आयोजन निरंतर 40 दिन तक होगा। झूलेलाल मंदिरों से बहराणा साहब की ज्योति जुलूस की शक्ल में बहराणा यात्रा निकलेगी। सिंधी बाहुल्य इलाकों के मंदिर और टिकाड़ों में ज्योत प्रज्ज्वलित कर इस महोत्सव को मनाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इंदौर शहर में चालिहा महोत्सव मुख्य रूप से छत्रीबाग स्थित प्राचीनतम झूलेलाल मंदिर, वीर सावरकर नगर स्थित झूलेलाल मंदिर, रेडिसन चौराहे दिव्य शक्तिपीठ परिसर स्थित झूलेलाल मंदिर, गुमाश्ता नगर स्थित झूलेलाल मंदिर के साथ-साथ सिंधी समाज के अनेक मंदिरों में धूमधाम से मनाया जाएगा।
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