
रायपुर: छत्तीसगढ़ के रायपुर में फीस लेने के बाद भी उपचार नहीं करने वाले डॉक्टर पर जिला उपभोक्ता फोरम ने जुर्माना लगाया है. 500 रुपए के लिए 4 साल से लड़ाई लड़ने वाले मरीज को आयोग ने यह न्याय दिलाया. मरीज ने डॉक्टर की लापरवाही साबित करने के लिए जिला फोरम के समक्ष दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए. इसमें बताया कि डॉक्टर ने बिना दवाई और प्रिसक्रिप्शन लिखे उसे लौटा दिया था.
इसके चलते दूसरे अस्पताल में उपचार करवाना पड़ा. सुनवाई के बाद फोरम ने डॉक्टर को 6 फीसदी ब्याज के साथ 500 रुपए लौटाने का आदेश दिया. इसके साथ ही उपभोक्ता को मानसिक कष्ट व वाद व्यय के 5000 रुपए देने का आदेश दिया.
श्रीराम पाण्डे ने फोरम के समक्ष अपना तर्क प्रस्तुत किया. इसमें बताया कि फीस जमा करने और टेस्ट रिपोर्ट देखने के बाद भी डॉक्टर ने प्रिस्क्रिप्शन और दवाइयां नहीं लिखीं. जबकि, उनकी हालत को देखते हुए तत्काल दवाई दी जानी चाहिए थी. वहीं, रिसर्च सेंटर ने उपभोक्ता के दावे को गलत बताते हुए दवाइयां और प्रिस्क्रिप्शन लिखने की बात कही.
रिसर्च सेंटर का कहना था कि बदनाम करने के लिए झूठा मामला पेश किया गया है. इसके कारण उनकी छवि धूमिल होने के साथ ही मान-प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है. रिसर्च सेंटर ने इस दौरान यह भी आरोप लगाया कि उन्हें परेशान करने के लिए विधिक सूचना भेजी गई थी, जिसका उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है.
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