वीजिंग। चीन (China) की बढ़ती कूटनीतिक आक्रामकता के संदर्भ में ताइवान ने सख्त रुख अपनाया है। ताइवान के विदेश मंत्रालय (MOFA) ने जोर देकर कहा कि ताइवान एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है, जो चीन (China) के नियंत्रण में नहीं है। ताइवान (taiwan) न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह बयान जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा और ताइवान के एपीईसी प्रतिनिधि लिन जियान-ई के बीच हुई संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण बैठक के विरुद्ध चीन के विरोध के बाद आया।
मंत्रालय ने बीजिंग के ताइवान पर किए जाने वाले निराधार दावों की कड़ी निंदा की और स्पष्ट किया कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने कभी इस द्वीप पर शासन नहीं किया। मंत्रालय ने चीन द्वारा विवादास्पद ‘एक चीन’ सिद्धांत का दुरुपयोग कर ताइवान-जापान के सामान्य राजनयिक आदान-प्रदान में बाधा डालने की आलोचना की।
मंत्रालय ने दोहराया कि एपीईसी के पूर्ण सदस्य के रूप में ताइवान को अन्य सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संवाद का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। मंत्रालय ने आगे जोर दिया कि ऐसी चर्चाएं ताइवान की वैश्विक मामलों में सक्रिय और वैध भागीदारी को चिन्हित करती हैं, जिसे चीन की कोई भी धमकी कम नहीं कर सकती। मंत्रालय ने यह भी उल्लेख किया कि ताइवान और जापान लोकतंत्र, स्वतंत्रता, मानवाधिकारों तथा कानून के शासन जैसे मूल्यों को साझा करते हैं।
ताइवान न्यूज की खबर के अनुसार, मंत्रालय ने वचनबद्धता जताई कि ताइवान जापान के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करते हुए, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को संयुक्त रूप से बढ़ावा देगा। ताइवान का यह नया आश्वासन उस समय आया है जब चीन द्वीप को राजनयिक रूप से अलग करने की अपनी साजिशों को तेज कर रहा है।
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