
नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्री (Foreign Minister of China) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (Communist Party of China) की पोलित ब्यूरो के सदस्य (Political Bureau Member) वांग यी (Wang Yi) सोमवार से दो दिवसीय भारत दौरे (Two-Day India Tour) पर आएंगे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शनिवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की। वांग यी इस यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ सीमा विवाद पर 24वें दौर की स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव्स (SR) वार्ता करेंगे। डोभाल और वांग दोनों ही भारत-चीन सीमा वार्ता के लिए नामित विशेष प्रतिनिधि हैं।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निमंत्रण पर पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री वांग यी 18 और 19 अगस्त को भारत की यात्रा करेंगे। अपने प्रवास के दौरान वे सीमा वार्ता के 24वें दौर में हिस्सा लेंगे।” विदेश मंत्री एस जयशंकर भी चीनी विदेश मंत्री से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
मोदी की संभावित चीन यात्रा से पहले अहम बातचीत
वांग यी का दौरा ऐसे समय हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 31 अगस्त-1 सितंबर को चीन के तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने की संभावना है। इससे पहले प्रधानमंत्री 29 अगस्त को जापान की यात्रा पर जाएंगे। पिछले साल अक्टूबर में रूस के कजान में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात के बाद दोनों देशों ने संवाद तंत्र को पुनर्जीवित करने का फैसला किया था। इसके तहत NSA डोभाल दिसंबर 2024 और जून 2025 में चीन गए थे।
सीमा तनाव कम करने की कोशिशें
जून 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद से द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। दोनों देशों ने कई स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन अभी भी 50 से 60 हजार सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात हैं। दोनों पक्ष आगे की प्रक्रिया पर विचार कर रहे हैं। साथ ही, संबंध सामान्य करने की दिशा में कुछ कदमों जैसे कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करना, चीनी नागरिकों को भारत में पर्यटक वीजा देना और सीधी उड़ानों को बहाल करने पर भी चर्चा जारी है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री इस साल की शुरुआत में इन मुद्दों पर बातचीत के लिए बीजिंग गए थे। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जयशंकर ने भी SCO की बैठकों में भाग लेने चीन का दौरा किया था। इसी बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी से टेलीफोन पर बातचीत की। जयशंकर ने बताया कि यह कॉल ब्रिटिश पक्ष की पहल पर हुआ और इसमें यूक्रेन संघर्ष तथा हालिया अमेरिका-रूस वार्ता पर चर्चा हुई।
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