
झालावाड़ हादसे के बाद बढ़ी चिंता, खजराना स्कूल मेंदरारें, कोबरा सांप तक निकला
इंदौर। राजस्थान (Rajasthan) के झालावाड़ (Jhalawar) में कल एक भीषण त्रासदी हो गई, जिसमें सरकारी स्कूल (Government school) का एक जर्जर हिस्सा ढह गया और 7 बच्चों की मौत और 21 घायल हो गए। वैसे तो देशभर में ही सरकारी स्कूल और अस्पतालों के हाल एक जैसे ही हैं, तो दूसरी तरफ इंदौर नगर निगम शिक्षा उपकर की करोड़ों रुपए की राशि सम्पत्ति कर के साथ वसूलता है। बावजूद इसके निगम सीमा में आने वाले कई सरकारी स्कूल भी जर्जर हैं। कुछ समय पूर्व 10 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर इन स्कूलों के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया और लगभग 70 टेंडर भी बुला लिए।
शहर में ही कई स्कूल जहां पुराने और जर्जर हो चुके हैं, तो टापरे में कक्षाएं लग रही है। दूसरी तरफ सीएम राइज स्कूल की नई बिल्डिंगें अवश्य शासन बनवा रहा है। अभी इंदौर विकास प्राधिकरण ने ही तीन स्कूल ऐसे तैयार भी कर दिए हैं। दूसरी तरफ नगर निगम शहर के अधिकांश स्कूलों को अभी तक सुधार नहीं सका है। दूसरी तरफ अभी 4 दिन पहले ही महू के एकलव्य स्कूल के बच्चे 15 किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे थे, जिसमें बच्चों ने स्कूल की खतरनाक इमारत और घटिया भोजन मिलने सहित अन्य शिकायतें भी की। दूसरी तरफ नगर निगम ने पिछले दिनों एक दर्जन से अधिक सरकारी स्कूलों की मरम्मत का जिम्मा उठाया और इसके लिए लगभग 70 टेंडर भी जारी किए। कुछ स्कूलों में ही काम हुआ और कुछ स्कूल अभी भी जर्जर हैं। 10 करोड़ रुपए की राशि इन स्कूलों के मरम्मत पर खर्च की जा रही है। इन पुराने भवनों में कई कक्षाएं, टीन शेड यानी टापरों में भी लग रही है। नया पीठा सहित उर्दू स्कूल और धनवंतरी नगर, काशीपुरी, तेजाजी नगर, मोती तबेला, छोटी खजरानी, संयोगितागंज सहित इन स्कूलों का जीर्णोद्धार होना है। दूसरी तरफ खजराना उमावि की संकुल प्राचार्य ने दीवारों में मोटी दरारों और उनमें कोबरा सांप तक होने की लिखित शिकायत निगमायुक्त को सौंपी है।