
जम्मू । पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले (Terrorist attacks) के बाद जहां भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच रिश्तों में रोज नई गिरावट देखी जा रही है, वहीं भारी तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा (Tariq Hameed Karra) ने सोमवार को भारत-पाक वार्ता की वकालत करके विवाद खड़ा कर दिया है। विधानसभा के बाहर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कर्रा ने कहा, “मैं दोनों पक्षों से शांत रहने का अनुरोध करता हूं और जो कुछ भी करना है, वह बातचीत के जरिए किया जाना चाहिए।” बड़ी बात यह है कि इन नेताओं के बयान ऐसे वक्त में आया है, जब पार्टी नेतृ्त्व ने सभी नेताओं से ऐसे बयानों से बचने की सलाह ही है, जो पार्टी लाइन से हटकर है।
कर्रा ने पोनीवालों सहित स्थानीय गाइडों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी त्वरित कार्रवाई ने कई लोगों की जान बचाई। उन्होंने कहा, “स्थानीय पोनीवालों की वजह से मौतों की संख्या बहुत कम रही। अगर उन्होंने समय रहते कार्रवाई नहीं की होती, तो मौतों का आंकड़ा भयावह हो सकता था। हमें उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए।”
द्विपक्षीय बातचीत का समर्थन
हालांकि, दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष ने गतिरोध को हल करने के लिए बातचीत का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “मैं हाथ जोड़कर दोनों पक्षों (भारत और पाकिस्तान) से शांत रहने का अनुरोध करता हूं। जब मैं कहता हूं कि मैं सैकड़ों और हजारों लोगों का प्रतिनिधित्व करता हूं, तो उन्हें शांत रहना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “कुछ हल किया जाना चाहिए और जो कुछ भी किया जाना है, उसे टेबल पर बैठकर किया जाना चाहिए। उन्हें इसे सुलझाना चाहिए। दोनों देशों को अब और तबाही की ओर नहीं धकेला जाना चाहिए।”
कांग्रेस विधायक ने भी भारत-पाक वार्ता की वकालत
बांदीपुर से कांग्रेस विधायक निजामुद्दीन भट ने भी भारत-पाक वार्ता की वकालत की। उन्होंने कहा, “बातचीत जरूरी है। भाजपा हमारी बात नहीं सुन सकती, लेकिन हम एक ऐसा देश हैं, जिसकी विचारधारा उदार है, हम एक लोकतंत्र हैं, हमारा राष्ट्र गुटनिरपेक्ष है। हम युद्ध और युद्धोन्माद से नफरत करते हैं। हम लोगों की जान ऐसे ही नहीं जाने दे सकते।”
हालांकि, भट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने की कोई जरूरत नहीं है। पुलवामा, उरी और पठानकोट जैसे विभिन्न हमलों के बारे में याद दिलाए जाने पर उन्होंने कहा, “जब तक आप सब कुछ करने की कोशिश नहीं करेंगे, कुछ नहीं हो सकता।” उन्होंने कहा. “इसे गलत न समझें। राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है। राष्ट्रीय सुरक्षा तय कर सकती है, लेकिन उन्हें यह विकल्प भी खुला रखना चाहिए।”
सैफुद्दीन सोज के बयान से भी बवाल
एक और कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज के बयान से भी विवाद उठ खड़ा हुआ है। सोज ने सिंधु जल संधि पर कुछ ऐसा कहा कि विवाद शुरू हो गया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के लिए सिंचाई और पीने के लिए पानी बहुत ज़रूरी है। अगर नदी के पानी को डायवर्ट नहीं किया गया, तो पंजाब और जम्मू-कश्मीर राज्य पूरी तरह डूब जाएंगे। सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धों से बची हुई है।” उन्होंने कहा कि यह संधि पाकिस्तान की जीवन रेखा है। उन्होंने इससे आगे कहा कि अगर पाकिस्तान यह कहता है कि पहलगाम आतंकी हमले में उसका हाथ नहीं है तो हमें पाकिस्तान की बात मान लेनी चाहिए।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved